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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 8 अप्रैल 2024 (12:52 IST)

2024 Ugadi | कैसे मनाते हैं उगादी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

उगादी महोत्सव 2024, जानें पूजन विधि और शुभ समय

2024 Ugadi | कैसे मनाते हैं उगादी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Ugadi Parv 2024
 

HIGHLIGHTS
• उगादी दक्षिण भारत का पर्व है।
• कैसे मनाते हैं उगादी, जानें विधि के बारे में।
• जानें उगादी पर्व मनाने का शुभ समय।
Ugadi Celebration 2024, Ugadi day : दक्षिण भारत में नववर्ष के रूप में मनाया जाने वाला विशेष पर्व उगादी का त्योहार इस बार 09 अप्रैल 2024, दिन मंगलवार को मनाया जा रहा है। यह त्योहार प्रमुखता से कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गोवा, दक्षिण भारत में नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर इस दिन भारतभर में हिंदू नववर्ष, गुड़ी पड़वा, चेटीचंड मनाया जाता है, तथा इसी दिन से चैत्र नवरात्रि का पर्व प्रारंभ होता है, जो नवदुर्गा की आराधना का प्रमुख पर्व माना जाता है और नवमी तिथि पर दुर्गा नवमी और प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में श्री राम नवमी मनाई जाती है। 
 
आइए जानते हैं यहां पूजन का शुभ समय और विधि के बारे में- 
कैसे मनाते हैं उगादी पर्व, जानें विधि : 
 
1. चैत्र माह के प्रथम दिन मनाया जाने वाला पर्व उगादी को दक्षिण भारत के लोग विधिपूर्वक मनाते हैं।
2. इसी दिन लोग अपने घरों में रंगोली, हल्दी या कुमकुम से स्वस्तिक का चिन्ह बनाते हैं। मान्यता है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
3. सबसे पहले प्रात: काल जल्दी उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर अपने शरीर पर उबटन और तिल का तेल लगाकर स्नान करते हैं। 
4. इसके बाद नए वस्त्र धारण करते हैं और मंदिर भी जाते हैं। 
5. हाथ में गंध, अक्षत, चमेली का पुष्प और जल लेकर भगवान ब्रह्मा के मंत्रों का उच्चारण करते हैं। 
6. इस दिन कुछ लोग संकल्प लेते हैं और वेदी का निर्माण करते हैं। 
7. वेदी पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर हल्दी या पीले अक्षत से अष्टदल कमल का निर्माण करते हैं और ब्रह्मा जी की प्रतिमा को स्थापित करते हैं। 
8. तत्पश्चात गणेसाम्बिका की पूजा करते हैं और फिर 'ॐ ब्रह्मणे नम:' मंत्र का जाप करते हैं। 
9. वहीं कुछ लोग घरों पर सफेद रंग की पुताई करते हैं और प्रवेश द्वार पर आम के पत्तों को बंदनवार लगाते हैं। 
10. इस दिन आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में एक विशेष प्रकार का पराठा बनाया जाता है, जिसे चने की दाल, गेहुं का आटा, गुड़ और हल्दी आदि को पानी की सहायता से गूंथ कर देशी घी में तलकर बनाया जाता है। जिसे बोवत्तु या पोलेलु व्यंजन कहते है। 
11. इस दिन साथ ही बेवु-वेल्ला नाम की डिश भी बनती है, जिसे गुड़ और नीम के मिश्रण से बनाया जाता है। इतना ही नहीं इस दिन की खास बात यह है कि इस मिश्रण को खाते वक्त 'शतायुर्वज्रदेहाय सर्वसंपत्कराय च। सर्वारिष्टविनाशाय निम्बकं दलभक्षणम्।।' नाम के मंत्र का उच्चारण किया जाता है। 
12. इसके साथ ही उगादि के दिन घरों में इमली, आम, नारियल, नीम के फूल, गुड़ जैसी चीजों को मिलाकर पच्चड़ी नामक पेय पदार्थ बनाने की परंपरा भी है। यह पेय सेहतमंद माना जाता है। अत: इस दिन इसका सेवन प्रमुखता से किया जाता है।
 
मंगलवार, 09 अप्रैल 2024 : उगादी के दिन पूजा का शुभ समय
 
- आज से तेलुगु शक संवत 1946 प्रारंभ
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ- 08 अप्रैल 2024, सोमवार को 03.20 पी एम से,
प्रतिपदा तिथि का समापन- 09 अप्रैल 2024, मंगलवार को 12.00 पी एम पर होगा। 
 
09 अप्रैल 2024, मंगलवार . दिन का चौघड़िया
चर- 08.31 ए एम से 10.01 ए एम
लाभ- 10.01 ए एम से 11.30 ए एम
अमृत- 11.30 ए एम से 01.00 पी एम
शुभ- 02.29 पी एम से 03.59 पी एम
 
रात्रि का चौघड़िया
लाभ- 06.59 पी एम से 08.29 पी एम
शुभ- 10.00 पी एम से 11.30 पी एम
अमृत- 11.30 पी एम से 10 अप्रैल को 01.01 ए एम,
चर- 01.01 ए एम से 10 अप्रैल को 02.31 ए एम तक। 

शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 03.56 से प्रातः 04.44 तक
प्रातः संध्या 04.20 से प्रातः 05.32 तक
अभिजीत- 11.06 पूर्वाह्न से 11.54 पूर्वाह्न तक 
विजय मुहूर्त- 01.30 अपराह्न से 02.17 अपराह्न तक
गोधूलि मुहूर्त- 05.26 अपराह्न से 05.51 अपराह्न तक 
सायंकाल संध्या- 05.28 अपराह्न से 06.41 अपराह्न तक
अमृत ​​काल- 02.08 अपराह्न से 03.34 अपराह्न तक 
निशिता मुहूर्त- 11.06 अपराह्न से 11.54 अपराह्न तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- प्रातः 05.32 से रात्रि 08.36 तक 
अमृत सिद्धि योग- प्रातः 05.32 से रात्रि 08.36 तक
 
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