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सूर्य पर्व पर कविता...
तांका 3
छठ का पर्व
आध्यात्मिक उन्नति
सूर्य को अर्घ्य।
आज नहाय खाय
कल विशेष व्रत।
साक्षात देव
सूर्य की आराधना
प्राण में ऊर्जा।
शक्ति का संचार
जीवन का आधार।
सूर्य रश्मियां
बन गई हैं रथ
धरा की यात्रा।
वसुधा से मिलने
अंधेरे को हरने।