शुक्रवार, 8 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. हिन्दू धर्म
  4. Hindu Marriage Act
Written By WD Feature Desk
Last Modified: मंगलवार, 18 जून 2024 (15:00 IST)

Hindu marriage act: भारत के इस राज्य में हिंदू कर सकते हैं 2 शादी, दूसरे राज्य में नहीं

Hindu Marriage Act
Hindu Marriage Act : भारतीय संविधान में हिंदू एक्ट के अंतर्गत हिंदू तब तक दूसरी शादी नहीं कर सकता जब तक की उसकी पहली पत्नी का देहांत नहीं हो गया हो या उसने तलाक नहीं ले लिया हो। हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत भारत में दो शादियां करने का प्रावधान नहीं है। परंतु भारत के एक राज्य में यह कानून लागू नहीं होता है। वहां पर हिंदू दो विवाह कर सकता है।ALSO READ: हिंदू धर्म के अनुसार चुनिए अपनी नन्ही परी का नाम, जानें इसके अर्थ
 
हम भारत के ही राज्य गोवा एक ऐसा राज्य है जहां पर हिंदू मैरिज एक्ट 1955 लागू नहीं होता है। यहां पर आप दो शादियां कर सकते हैं और वह भी कानूनी मान्यता के साथ लेकिन इसके लिए जरूरी है आपका गोवा का नागरिक होना। दरअसल, गोवा में पुर्तगाल शासन के समय से ही यहां पर पुर्तगाल कॉमन सिविल कोड लागू है। 1867 में तब अन्य भारत में ब्रिटिश राज में भी सिविल कोड नहीं बनाया गया था। गोवा में उस समय 2 धर्म के लोग ईसाई और हिंदू ही ज्यादा रहते थे। ईसाई भी वे जो पहले हिंदू थे।
 
उस दौर में गोवा में हिंदुओं में एक से अधिक विवाह करने का प्रचलन था। फिर बाद में गोवा में यह कानून बनाया गया। इस कानून के तहत कुछ शर्तों के साथ सिर्फ गोवा में पैदा हुए लोगों को एक पत्नी के रहते दूसरी शादी करने की इजाजत देता है। ये कानून अब भी गोवा में उसी तरह लागू है।ALSO READ: Saat phere: हिंदू धर्म में सात फेरों का क्या है महत्व, 8 या 9 फेरे क्यों नहीं?
 
जब गोवा आजाद होकर भारतीय संघ में मिला तब नए राज्य में उसी पुर्तगाली सिविल कोड को वहां अपना लिया गया। ये कानून हिंदुओं को कुछ शर्तों के साथ बहुविवाह की अनुमति देता है। इसकी पहली शर्त के अनुसार 25 साल की उम्र तक यदि पत्नी से कोई संतान नहीं हो तो पति दूसरी शादी कर सकता है। वहीं दूसरी शर्त के अनुसार, 30 साल की उम्र तक भी यदि पत्नी पुत्र को जन्म नहीं दे पाती है तो भी पति दूसरी शादी कर सकता है।ALSO READ: World family day 2024: आज के दौर में परिवार का क्या है महत्व, जानें क्या कहता है हिंदू धर्म
ये भी पढ़ें
jyesdhth pradosh: ज्येष्ठ प्रदोष व्रत रखने का क्या है तरीका, जानें फायदे