• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. साहित्य
  4. »
  5. कथा-सागर
Written By ND

तर्क

लघुकथा

तर्क -
- बिन्दु मेहता

आज फिर आपने सबके सामने भाभीजी की तारीफों के पुल पर पुल बाँधकर मुझे नीचा दिखाया ना। उनकी बनाई हर चीज आपको टेस्टी, स्वादिष्ट लगती है और मैं जो इतनी सारी नई-नई चीजें आपकी पसंद की बनाती हूँ मेरी तो कभी तारीफ नहीं करते।

"अरे! श्रीमतीजी नाराज मत होओ, जब तुम टाइम बे-टाइम मायके चली जाती हो न, तो जेब खर्च बचाने के लिए अगर किसी के आगे थोड़े बोल खर्च कर नाश्ता, खाना मिल जाए तो इसमें हर्ज क्या है?" मीठे से तर्क के साथ पतिदेव ने बात खत्म कर डाली।