उसे मैं याद रहता हूँ
कृष्ण सुकुमार
मुझे काबिल बहुत समझा गया मक्कार रहने तकसुधरने पर सजाएँ दी गईं इंकार रहने तकदिया उसने मुझे एहसास अपनापन भरा लेकिनमुझे उसकी तरफ उसके लिए तैयार रहने तकमिटे जब फासले तो जानना ही हो गया मुश्किलउसे थोड़ा-बहुत समझा गया दीवार रहने तकन जाने कौन से एहसान में दबकर हमेशा वोमुझे बरदाश्त करता है मेरे बेज़ार रहने तकख़रीदे और बेचे जा रहे हैं आपसी रिश्तेसभी संबंध कायम मगर बाज़ार रहने तकहमेशा दोस्ती में जान की बाजी लगाता हूँमगर मैं साथ देता हूँ फ़क़त खुद्दार रहने तकवो कायल है ज़ियादा ही मेरी तीमारदारी काउसे मैं याद रहता हूँ मगर बीमार रहने तकसाभार : प्रयास