रविवार, 22 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Save Water Poem
Written By

हिन्दी कविता : पानी की बर्बादी

हिन्दी कविता : पानी की बर्बादी - Save Water Poem
- रवि श्रीवास्तव 


 
मत करो मुझको बर्बाद, इतना तो तुम रखो याद,
प्यासे ही तुम रह जाओगे, मेरे बिना न जी पाओगे।
 
कब तक बर्बादी का मेरे, तुम तमाशा देखोगे,
संकट आएगा जब तुम पर, तब मेरे बारे में सोचोगे।
 
संसार में रहने वालों को, मेरी जरूरत पड़ती है,
मेरी बर्बादी के कारण, मेरी उम्र भी घटती है।
 
ऐसा न हो इक दिन मैं, इस दुनिया से चला जाऊं,
खत्म हो जाए खेल मेरा, लौट के फिर न वापस आऊं।
 
पछताओगे-रोओगे तुम, नहीं बनेगी कोई बात,
सोचो-समझो करो फैसला, अब तो ये है तुम्हारे हाथ।
 
मेरे बिना इस दुनिया में, जीना सबका मुश्किल है,
अपनी नहीं भविष्य की सोचो, भविष्य भी इसमें शामिल है।
 
मुझे ग्रहण कर सभी जीव, अपनी प्यास बुझाते हैं,
कमी मेरी पड़ गई अगर तो, हर तरफ सूखे पड़ जाते हैं।
 
सतर्क हो जाओ बात मान लो, मेरी यही कहानी है।
 
करो फैसला मिलकर आज, मत करो मुझको बर्बाद,
इतना तो तुम रखो याद।