• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Poem by Naveen Rangiyal: Peshab
Written By
Last Updated : गुरुवार, 6 जुलाई 2023 (16:00 IST)

नवीन रांगियाल की कविता : पेशाब

नवीन रांगियाल की कविता : पेशाब - Poem by Naveen Rangiyal: Peshab
इंदौर के युवा कवि और लेखक नवीन रांगियाल द्वारा यह कविता मध्‍यप्रदेश के सीधी में आदिवासी युवक पर पेशाब करने की घटना पर लिखी गई है। इस शर्मनाक घटना से प्रदेश में हर कोई हतप्रद हैं। नवीन इंदौर से संचालित वेबदुनिया डॉट कॉम में असिस्‍टेंट एडिटर के पद पर कार्यरत हैं। हाल ही में उनका कविता संग्रह ‘इंतजार में आ की मात्रा’ सेतु प्रकाशन दिल्‍ली से प्रकाशित हुआ है।

---

दीवारें भीग गई हैं पेशाब से
शौचालय डूब गए हैं

अख़बार गल गए

अस्पतालों में है पेशाब की बू

पेशाब से खत्म हुए जंगल
नदियों में बहता है आदमी का पेशाब

रेल और बसों से टपकता है पेशाब

घांस में पेशाब है
खेत में पेशाब है
गांव में पेशाब
शहर में नहर में पेशाब है

ख्याल और स्वप्न में पेशाब है
हमारी शराब में पेशाब है

फूल भी पेशाब हैं
राजनीति पेशाब है

समाज में घुल गया पेशाब
समाज का नाम पेशाब है

गिरेबां से आती है पेशाब की बू

पेशाब करने वाला आदमी हो गया पेशाब
जिस पर किया पेशाब वो भी हुआ पेशाब

कहीं बची नहीं पेशाब करने की जगह

आदमी के मुंह से निकलता है
आदमी के मुंह पर गिरता है पेशाब
 
#औघटघाट
ये भी पढ़ें
चॉकलेट खाने के 7 सेहत फायदे यहां जानें