poem on karwa chauth : करवा चौथ के दिन एक पत्नी किस तरह चंद्रमा के दर्शन को लेकर उत्सुक रहती हैं, पढ़ें करवा चौथ के चंद्र दर्शन पर हिन्दी में मार्मिक कविता। मेहंदी रचे हाथ, सजे कंगन के साथ पूजा का थाल, और ले करवा हाथ, मांगूंगी तुमसे रहे सजना सदैव साथ...
ऐ चांद तुम जल्दी से आ जाना
भूखी-प्यासी मैं दिनभर की बेकरार
छलनी से करूंगी साजन का दीदार
शर्म लाल होंगे तब मेरे रुखसार
पिया मिलन में देर न लगा जाना
ऐ चांद तुम जल्दी से आ जाना।
मेहंदी रचे हाथ, सजे कंगन के साथ
पूजा का थाल, और ले करवा हाथ
मांगूंगी तुमसे रहे सजना सदैव साथ
लंबी उम्र का वर, पिया को दे जाना
ऐ चांद तुम जल्दी से आ जाना।
मेरा साज-श्रृंगार सब साजन से है
बिखरा जीवन में प्यार साजन से है
घर और परिवार सब साजन से है
सातों जन्म के साथ का वर दे जाना
ऐ चांद तुम जल्दी से आ जाना।
माना भूख से मैं न अकुलाऊंगी तब
पर पिया की बेचैनी मैं सह पाऊंगी कब
मेरे प्रिय पिलाए मुझे अधर सुधा जब
बादलों में तुम छुप जाना, पर पहले..
ऐ चांद तुम जल्दी से आ जाना।