गुरुवार, 14 नवंबर 2024
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हिन्दी कविता : तुम बदल गई हो

हिन्दी कविता : तुम बदल गई हो - Hindi Kavita
सब कहते हैं - तुम बदल गई हो,
मैं तो वही हूं दबी, सहमी, सकुचाई सी
 
शायद सब मेरा चेहरा पढ़ते होंगे,
किसी ने मेरे "मैं" को नहीं पढ़ा होगा
 
ओ अतीत!! मैनें वादा किया था न!
कि जब मैं यादो पर सवार आऊंगी तुम्हारे पास,
 
तब मैं वही होऊंगी दबी, सहमी ,सकुचायी सी,
तुम मुझे पहचान लोगे,
 
मैंने अपने को वही रखा है बदले बिना
पर अब मैंने अपने को सजग कर लिया है,
 
खींच लाती हूं बार-बार अतीत से अपने आप को,
अपने आज में जीने के लिए