रविवार, 1 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Atal bihari Vajpayee Poems
Written By

अटल बिहारी वाजपेयी की कविता : टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते

अटल बिहारी वाजपेयी की कविता : टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते - Atal bihari Vajpayee Poems
टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते।
सत्य का संघर्ष सत्ता से,
न्याय लड़ता निरंकुशता से,
अँधेरे ने दी चुनौती है,
किरण अंतिम अस्त होती है।
 
दीप निष्ठा का लिए निष्कम्प,
वज्र टूटे या उठे भूकंप,
यह बराबर का नहीं है युद्ध,
हम निहत्थे, शत्रु है सन्नद्ध
हर तरह के शस्त्र से है सज्ज,
और पशुबल हो उठा निर्लज्ज।
 
किंतु फिर भी जूझने का प्रण,
पुन: अंगद ने बढ़ाया चरण,
प्राण-पण से करेंगे प्रतिकार,
समर्पण की माँग अस्वीकार।
 
दाँव पर सब कुछ लगा है, रुक नहीं सकते।
टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते।
साभार : मेरी इक्यावन कविताएं
 
ये भी पढ़ें
अटल बिहारी वाजपेयी की कविता : आओ फिर से दिया जलाएं