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Written By Author नवीन रांगियाल
Last Updated : शनिवार, 27 नवंबर 2021 (16:06 IST)

Indore literature festival: मैं नीलोत्पल, लेखक बनने की कहानी

Indore literature festival: मैं नीलोत्पल, लेखक बनने की कहानी - Interview By Divya Prakash and Santosh Singh
Nilotpal Mrinal
Indore literature festival seconds day 202: 'इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल सीजन- 7 के दूसरे दिन के सत्र में दिव्य प्रकाश और संतोष सिंह ने की लेखक नीलोत्पल मृणाल से चर्चा की।
 
150 लोगों की परवाह मत कीजिये, डेढ़ करोड़ लोग आपको पढ़ेंगे। हम तो हिंदी के डकैत कहलाते हैं। सिर्फ पाठक वर्ग ही आपको लेखक बनाता है। लेखक को किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं।
 
यह बात नीलोत्पल मृणाल ने नीलोत्पल बनने की कहानी विषय पर आयोजित सत्र में कही। उनसे चर्चा कर रहे थे दिव्य प्रकाश और संतोष सिंह बात कर रहे थे। 

Nilotpal Mrinal
उन्होंने कहा, कि दुनिया का सबसे बेहतरीन उपन्यास पढ़कर अच्छा उपन्यास नहीं लिखा जा सकता। आप तो रेसिपी पढ़िए, राजनीति पढ़िए, समाज शास्त्र पढ़िए। मैंने उपनिषद पढ़ा। मैंने नास्तिकवाद को पढ़ा, जैन को पढ़ा। बुद्ध को पढ़ा। पश्चिम में लितसे को पढ़ा। 
 
मैंने औघड़ किताब गांव में रहते हुए लिखी है। दरसअल मौलिकता खत्म हो जा रही है। मेरी यात्रा की सबसे अहम बात यह है कि अगर आपको लेखक बनना है तो हमको पढ़ने के बाद भूगोल, इतिहास, समाज शास्त्र पढ़िए। 
 
आपका कहन मायने रखता है। आपकी शैली मायने रखती है। किसी को दोहराइये नहीं। खुद का मौलिक लिखिए। बस यही मेरे लेखक बनने की यात्रा है। 
 
मुझ पर आरोप लगते हैं कि मैं गायक बनना चाहता था, इसलिए अब अपनी किताबों के जरिये गाने के शौक पूरा कर रहा हूँ। ऐसा नहीं है मैं ज़िंदगी की रुचि पूरी कर रहा हूँ। 
 
अंत में उन्होंने जगत माटी का ढेला रे गीत सुनाया। बता दें कि इस साल नीलोत्पल मृणाल की एक नई किताब यार जादूगर आयी है। वे युवाओं में बेहद लोकप्रिय हैं।
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