सरकारी कर्मचारी के प्रति गलतफहमी है तो इसे पढ़ें : लोटपोट कर देगा चुटकुला
प्राइवेट काम करने वालों को लगता है कि सरकारी कर्मचारी को तो फोकट की सैलेरी मिलती है। एक वैल्डिंग मिस्त्री काफी दिनों से एक सरकारी कर्मचारी को सैलेरी ज्यादा होने व काम कम होने के ताने दे रहा था।
एक दिन सरकारी कर्मचारी का दिमाग खराब हो गया वह घर से एक टूटी बाल्टी की कड़ी डलवाने व पुराना टूटा हुआ हत्था लेकर उस मिस्त्री के पास जा पंहुचा ....मिस्त्री ने 100 रु मरम्मत खर्च बताया ...
कर्मचारी बोला - 150 रु दे दूंगा .. पर कुछ नियम ध्यान में रखना..
मिस्त्री राजी होकर बोला -बताओ बाबूजी जी..?
कर्मचारी ने एक रजिस्टर निकाला और मिस्त्री से बोला - ये लो इस में रिकार्ड भरना है...
1.बाल्टी किस सन् में बनी व कब टूटी (RTI)
*2.बाल्टी किस कम्पनी की बनी है TATA/JSW/SAIL *
3.बाल्टी की मरम्मत में खर्च वैल्डर,बिजली,पानी व समय का ब्यौरा दर्ज करना होगा।
4.मरम्मत से पहले व बाद में बाल्टी का वजन लिखना होगा।
5.हत्थे में कितनी जंग लग चुकी है ...
उसका वजन और कारण दर्ज करना होगा
6. ये सारी जानकारी भरकर सरपंच, ग्राम सेवक व पटवारी के मोहर सहित साईन और चार गवाहों के साईन ज़रूर होने चाहिए।
इतना सुनते ही मिस्त्री ने रजिस्टर फैंक दिया और बोला: "ये काम तो मैं 1500 में भी नहीं कर सकता..
."
तो अब सुन भाई, सरकारी कर्मचारी बोला : जितना काम तुम करने से घबरा गए हो ...उतना तो हम 1 घंटे में करते हैं ...!! इसीलिए सैलेरी भी लेते हैं...!
सभी गलतफ़हमी रखने वालों को समर्पित...