हरी सब्जियां स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होती हैं, यह बात हम सब जानते हैं। लेकिन आपने कभी सोचा है, कि यही स्वास्थ्यवर्धक सब्जियां कभी-कभी जहर क्यों बन जाती हैं? अगर ऐसा है, तो इन सब्जियों को भोजन में शामिल करने से पहले सावधानी रखना बेहद आवश्यक है, ताकि आपके लिए यह अमृत कहीं जहर न बन जाए। जानिए हरी सब्जियों का सच, और स्वस्थ रहने के लिए कैसे करें इनका प्रयोग -
स्वस्थ व सेहतमंद रहने, उर्जा प्राप्त करने, बीमारियों से बचने और वजन घटाने में हरी सब्जियों का प्रयोग किया जाता है। लेकिन वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार अन्य चीजों की तरह ही हरी सब्जियां भी अशुद्ध होने लगी हैं। शायद इसलिए कई मामले ऐसे भी देखे जाते हैं, जब लौकी या अन्य सब्जी के जूस का सेवन करने पर व्यक्ति की तबियत बिगड़ जाती है, या मौत हो जाती है। बावजूद इसके, कि लौकी या इस तरह की अन्य सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, और इनमें कार्बोहाइड्रेट व कैलोरी की मात्रा बेहद कम होती है।
दरअसल इतनी खूबियों के बावजूद इनमें विशेष टॉक्सिन्स की अधिकता, इसके स्वाद और गुणों में नकारात्मक परिवर्तन के लिए जिम्मेदार होती है। इस स्थिति में इसका स्वाद कड़वा हो जाता है, और इसका जूस पीने पर यह टॉक्सिन आपके शरीर में जाकर बेहद नकारात्मक प्रभाव छोड़ता है।
कई बार करेले के जूस का प्रयोग भी लोग इन सब्जियों के साथ करते हैं। लेकिन इस टॉक्सिन की अधिक मात्रा आपके शरीर में पहुंचने पर, आपकी तबियत बिगड़ने लगती है, और बिगड़ती जाती है। कुछ परिस्थतियों में पीड़ित व्यक्ति की मौत भी हो जाती है।
वहीं इन्हें पकाकर खाने पर हानिकारक तत्व नष्ट हो जाते हैं, जिससे आपको इसके लाभदायक परिणाम प्राप्त होते हैं। ऐसे मामलों में कच्ची सब्जियों का जूस बनाकर पीने की अपेक्षा इन्हें पकाकर खाना या सूप बनाकर लेना अधिक फायदेमंद साबित होता है।
हालांकि यह जरूरी नहीं कि हर सब्जी जहरीली या हानिकारक प्रभाव छोड़ने वाली हो। अगर ऐसा होता तो सब्जियों के स्वास्थ्यवर्धक लाभ के बारे में चर्चा ही नहीं की जाती। यह भ्रम दूर किया जाना भी बेहद आवश्यक है, कि हर सब्जी जहरीली नहीं होती, बल्कि ऐसी स्थिति कुछ ही मामलों में सामने आती है। इसके लिए यह बात जानना जरूरी है कि इनकी कुछ किस्में जहरीली होती हैं, जिनका सेवन करने से बचना ही स्वस्थ रहने का एकमात्र उपाय है।
जिस तरह से मशरूम की कुछ किस्में जहरीली होती है ठीक वैसे ही सब्जियों के मामले में भी होता है। दरअसल यह सब पौधों में प्रयोग किए जाने वाले केमिकल्स, मिट्टी, पानी आदि पर निर्भर करता है। लेकिन इनके दुष्प्रभावों से बचने के लिए समयानुसार आपको कुछ सावधानियां अवश्य रखनी चाहिए -
4 पहले सब्जी का जरा सा टुकड़ा काटकर उसका स्वाद लेकर देख लें। अगर स्वाद कड़वा लगे तो बिल्कुल प्रयोग न करें। वहीं मैथी का स्वाद सामान्य से अधिक कड़वा हो जब भी इसका प्रयोग न करें।
5 सब्जियों का अनुकूल तापमान पर ही रखें।
6 हरी सब्जियों को पोटेशियम परमेंगनेट या क्लोरीन युक्त पानी से धोकर सादे पानी से धो लें। ऐसे में इसके हानिकारक तत्व नष्ट हो जाते हैं।