नए वर्ष पर ध्वज लगाने का महत्व
13 अप्रैल को वर्ष प्रतिपदा है। इस दिन यानी आगामी नववर्ष पर आप भी अपने गृहनिवास/ प्रतिष्ठान पर ध्वज पूजन अवश्य करें-
बहुत से लोग अपने घर की छत पर ध्वज लगाते हैं। यह ध्वज कई कारणों से लगाया जाता है। लेकिन ज्योतिष के अनुसार ध्वज लगाने का कुछ और ही कारण और लाभ है।
ध्वज किसी भी धर्म संस्था का प्रतीक होता है। घर की छत पर लगाने वाले ध्वज रणभूमि में रथ पर लगाने वाले ध्वज दोनों में कुछ फर्क होता है। रणभूमि में अवसर के अनुकूल 8 प्रकार के ध्वजों का प्रयोग होता था। ये ध्वज निम्न प्रकार के होते थे- जय, विजय, भीम, चपल, वैजयन्तिक, दीर्घ, विशाल और लोल। ये सभी ध्वज संकेत के सहारे सूचना देने वाले होते थे। विशाल ध्वजाएं क्रांतिकारी युद्ध का तथा लोल ध्वजाएं भयंकर मार-काट का सूचक था। महाभारत में प्रत्येक योद्धा का अपना अलग ध्वज होता था।
1. ध्वज का रंग- घर की छत पर तीन रंग में से किसी एक रंग का ध्वज लगते। गेरू और भगवा रंग एक ही है, लेकिन केसरिया में मामूली-सा अंतर है। इसके अलावा तीसरा रंग है पीला।
2. किस दिशा में लगाते हैं ध्वज- घर के ऊपर वायव्य कोण में ध्वज लगाते हैं। यदि आपके घर की दिशा भिन्न है तो किसी वास्तु शास्त्री से पूछकर लगाएं।
3. कैसा होना चाहिए ध्वज- स्वास्तिक या ॐ लगा हुआ केसरिया ध्वज होना चाहिए। दो प्रकार का ध्वज होता है एक त्रिभुजाकार और दूसरा दो त्रिभुजाकार ध्वज। दोनों में से कोई एक प्रकार का ध्वज लगा सकते हैं।
4. क्या होगा- इससे यश, कीर्ति और विजय मिलती है। ध्वजा लगाने से घर में रहने वाले सदस्यों के रोग, शोक व दोष का नाश होता है और घर की सुख व समृद्धि बढ़ती है।