शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. गणेशोत्सव
  4. 108 names of lord ganesha in hindi
Written By

Name of Lord ganesha : श्री गणेश के 108 नामों के हिन्दी अर्थ

Name of Lord ganesha : श्री गणेश के 108 नामों के हिन्दी अर्थ - 108 names of lord ganesha in hindi
भारतीय धर्म और संस्कृति में भगवान गणेशजी सर्वप्रथम पूजनीय और प्रार्थनीय हैं। उनकी पूजा के बगैर कोई भी मंगल कार्य शुरू नहीं होता। उनकी पूजा के दौरान इन 108 नामों का जपने से सभी तरह के मांगलिक कार्य के विघ्न हट जाते हैं।

 
गणेश नामावली-108
 
1. बाल गणपति : सबसे प्रिय बालक।
2. भालचन्द्र : जिसके मस्तक पर चंद्रमा हो।
3. बुद्धिनाथ : बुद्धि के भगवान।
4. धूम्रवर्ण : धुएं को उड़ाने वाला।
5. एकाक्षर : एकल अक्षर।
6. एकदन्त : एक दांत वाले।
7. गजकर्ण : हाथी की तरह कान वाला।
8. गजानन : हाथी के मुख वाले भगवान।
9. गजवक्र : हाथी की सूंड वाला।10. गजवक्त्र : जिसका हाथी की तरह मुंह है।
11. गणाध्यक्ष : सभी गणों का मालिक।
12. गणपति : सभी गणों के मालिक।
13. गौरीसुत : माता गौरी का बेटा।
14. लम्बकर्ण : बड़े कान वाले देव।
15. लम्बोदर : बड़े पेट वाले।
16. महाबल : अत्यधिक बलशाली वाले प्रभु।
17. महागणपति : देवातिदेव।18. महेश्वर : सारे ब्रह्मांड के भगवान।
19. मंगलमूर्ति : सभी शुभ कार्य के देव।
20. मूषक वाहन : जिसका सारथी मूषक है।
21. निदीश्वरम : धन और निधि के दाता।
22. प्रथमेश्वर : सबके बीच प्रथम आने वाला।
23. शूपकर्ण : बड़े कान वाले देव।
24. शुभम : सभी शुभ कार्यों के प्रभु।
25. सिद्धिदाता : इच्छाओं और अवसरों के स्वामी।
26. सिद्धिविनायक : सफलता के स्वामी।
27. सुरेश्वरम : देवों के देव।
28. वक्रतुण्ड : घुमावदार सूंड।
29. अखूरथ : जिसका सारथी मूषक है।
30. अलम्पता : अनन्त देव।
31. अमित : अतुलनीय प्रभु।
32. अनन्तचिदरुपम : अनंत और व्यक्ति चेतना।
33. अवनीश : पूरे विश्व के प्रभु।
34. अविघ्न : बाधाओं को हरने वाले।
35. भीम : विशाल।
36. भूपति : धरती के मालिक।
37. भुवनपति : देवों के देव।
38. बुद्धिप्रिय : ज्ञान के दाता।
39. बुद्धिविधाता : बुद्धि के मालिक।
40. चतुर्भुज : चार भुजाओं वाले।
41. देवादेव : सभी भगवान में सर्वोपरि।
42. देवांतकनाशकारी : बुराइयों और असुरों के विनाशक।
43. देवव्रत : सबकी तपस्या स्वीकार करने वाले।
44. देवेन्द्राशिक : सभी देवताओं की रक्षा करने वाले।
45. धार्मिक : दान देने वाला।
46. दूर्जा : अपराजित देव।
47. द्वैमातुर : दो माताओं वाले।
48. एकदंष्ट्र : एक दांत वाले।
49. ईशानपुत्र : भगवान शिव के बेटे।
50. गदाधर : जिसका हथियार गदा है।
51. गणाध्यक्षिण : सभी पिंडों के नेता।
52. यशस्कर : प्रसिद्धि और भाग्य के स्वामी।
53. गुणिन : जो सभी गुणों के ज्ञानी।
54. हरिद्र : स्वर्ण के रंग वाला।
55. हेरम्ब : मां का प्रिय पुत्र।
56. कपिल : पीले भूरे रंग वाला।
57. कवीश : कवियों के स्वामी।
58. कीर्ति : यश के स्वामी।
59. कृपाकर : कृपा करने वाले।
60. कृष्णपिंगाश : पीली भूरी आंख वाले।
61. क्षेमंकरी : माफी प्रदान करने वाला।
62. क्षिप्रा : आराधना के योग्य।
63. मनोमय : दिल जीतने वाले।
64. मृत्युंजय : मौत को हरने वाले।
65. मूढ़ाकरम : जिनमें खुशी का वास होता है।
66. मुक्तिदायी : शाश्वत आनंद के दाता।
67. नादप्रतिष्ठित : जिसे संगीत से प्यार हो।
68. नमस्थेतु : सभी बुराइयों और पापों पर विजय प्राप्त करने वाले।
69. नन्दन : भगवान शिव का बेटा।
70. सिद्धांथ : सफलता और उपलब्धियों के गुरु।
71. पीताम्बर : पीले वस्त्र धारण करने वाला।
72. प्रमोद : आनंद।
73. पुरुष : अद्भुत व्यक्तित्व।
74. रक्त : लाल रंग के शरीर वाला।
75. रुद्रप्रिय : भगवान शिव के चहेते।
76. सर्वदेवात्मन : सभी स्वर्गीय प्रसाद के स्वीकार्ता।
77. सर्वसिद्धांत : कौशल और बुद्धि के दाता।
78. सर्वात्मन : ब्रह्मांड की रक्षा करने वाला।
79. ओमकार : ओम के आकार वाला।
80. शशिवर्णम : जिसका रंग चंद्रमा को भाता हो।
81. शुभगुणकानन : जो सभी गुण के गुरु हैं।
82. श्वेता : जो सफेद रंग के रूप में शुद्ध है।
83. सिद्धिप्रिय : इच्छापूर्ति वाले।
84. स्कन्दपूर्वज : भगवान कार्तिकेय के भाई।85. सुमुख : शुभ मुख वाले।
86. स्वरूप : सौंदर्य के प्रेमी।
87. तरुण : जिसकी कोई आयु न हो।
88. उद्दण्ड : शरारती।
89. उमापुत्र : पार्वती के बेटे।
90. वरगणपति : अवसरों के स्वामी।
91. वरप्रद : इच्छाओं और अवसरों के अनुदाता।
92. वरदविनायक : सफलता के स्वामी।
93. वीर गणपति : वीर प्रभु।
94. विद्यावारिधि : बुद्धि के देव।
95. विघ्नहर : बाधाओं को दूर करने वाले।
96. विघ्नहर्ता : बुद्धि की देव।
97. विघ्नविनाशन : बाधाओं का अंत करने वाले।
98. विघ्नराज : सभी बाधाओं के मालिक।
99. विघ्नराजेन्द्र : सभी बाधाओं के भगवान।
100. विघ्नविनाशाय : सभी बाधाओं का नाश करने वाला।
101. विघ्नेश्वर : सभी बाधाओं के हरने वाले भगवान।
102. विकट : अत्यंत विशाल।
103. विनायक : सबका भगवान।
104. विश्वमुख : ब्रह्मांड के गुरु।
105. विश्वराजा : संसार के स्वामी।
105. यज्ञकाय : सभी पवित्र और बलि को स्वीकार करने वाला।
107. यशस्विन : सबसे प्यारे और लोकप्रिय देव।
108. योगाधिप : ध्यान के प्रभु।
ये भी पढ़ें
श्री गणपति अथर्वशीर्ष : त्वमेव प्रत्यक्षं तत्वमसि, त्वमेव केवलं कर्ताऽसि... यह पाठ देता है मन को शांति