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Last Updated : बुधवार, 31 अगस्त 2022 (13:03 IST)

श्री गणेश चतुर्थी पर कैसे करें पूजन, आज बप्पा आ रहे हैं इस शुभ संयोग में कैसे करें स्वागत

श्री गणेश चतुर्थी पर कैसे करें पूजन, आज बप्पा आ रहे हैं इस शुभ संयोग में कैसे करें स्वागत - Ganesh chaturthi sthapana and puja vidhi
भादौ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी में यानी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 31 अगस्त 2022 बुधवार को गणेश चतुर्थी के दिन गणपतिजी की मूर्ति स्‍थापना होगी। मूर्ति स्थापना का सबसे शुभ समय सुबह 11:04:43 से दोपहर 13:37:56 तक और शाम 05:42 से 07:20 तक रहेगा। इस दिन कैसे करें गणेशजी की पूजा और किस शुभ संयोग में करें गणेशजी का स्वागत? आओ जानते हैं।
 
गणेशजी का मंगल प्रवेश : सुबह 11:04:43 से दोपहर 13:37:56 के बीच गणेशजी का घर में स्वागत करें। बाजार जाने से पहले नवीन वस्त्र धारण करें, सिर पर टोपी या साफा बांधें, रुमाल भी रखें। पीतल या तांबे की थाली साथ में ले जाएं नहीं तो लकड़ी का पाट ले जाएं जिस पर गणेशजी विराजमान होकर घर में पधारेंगे। इसके साथ ही घंटी और मंजीरा भी ले जाएं। बाजार जाकर जो भी गणेशजी पसंद आए उसका मोलभाव न करें उसे आगमन के लिए निमंत्रित करके दक्षिणा दे दें। फिर गणेशजी की प्रतिमा को धूम-धाम से घर के द्वारा पर लाएं और द्वार पर ही उनकी आरती उतारें। मंगल गीत गाएं या शुभ मंत्र बोलें।
कैसे करें गणेश स्थापना- ganesh sthapana vidhi in hindi :
1. गणेशजी की मूर्ति को स्थापित करने के पूर्व ईशान कोण को अच्‍छे से साफ करके कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और हल्दी से चार बिंदी बनाएं।
 
2. फिर एक मुट्ठी अक्षत रखें और इस पर छोटा बाजोट, चौकी या लकड़ी का एक पाट रखें। पाट पर लाल, पीला या केसरिये रंग का सूती कपड़ा बिछाएं।
 
3. चारों ओर फूल और आम के पत्तों से सजावट करें और पाट के सामने रंगोली बनाएं। तांबे के कलश में पानी भरकर उस पर नारियल रखें।
 
4. आसपास सुगंधित धूप, दीप, अगरबत्ती, आरती की थाली, आरती पुस्तक, प्रसाद आदि पहले से रख लें। 
 
5. ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु बोलकर गणेश जी एवं अम्बिका (सुपारी में मौली लपेटकर) को स्थापित करने के पूर्व निम्न मंत्र बोलकर आवाहन करें।
 
6. फिर स्थापना के दौरान यह मंत्र बोलें- गजाननं भूतगणादिसेवितम कपित्थजम्बू फल चारू भक्षणं। उमासुतम शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम।। आगच्छ भगवन्देव स्थाने चात्र स्थिरो भव।
 
7. अब परिवार के सभी सददस्य एकत्रित होकर ॐ गंगणपते नम: का उच्चारण करते हुए प्रतिमा को पाट पर विराजमान करें और गणपति बप्पा मोरिया का जयघोष करें।
 
8. अब गणेशजी की विधिवत पूजा करके आरती करें और प्रसाद बांटें।

कैसे करें गणेशजी की सरल तरीके से पूजा- ganesh chaturthi puja vidhi in hindi : 
 
पूजा सामग्री : सबसे पहले गणेशजी की पूजा के लिए पूजा सामग्री एकात्रित कर लें। जैसे माला, फूल, अक्षत, पंचामृत, कंकू, हल्दी, मिठाई, लड्डू, धूप, दीप, अगरबत्ती, दीपक, चौकी या आसन, कलश, नारियल, आम के पत्ते, केले के पत्ते, दूर्वा, जनेऊ, सिन्दूर, अबीर, गुलाल, सुगंधित (इत्र), ऋतुफल, लौंग-इलायची, सुपारी, आदि।
 
1. अब गणेशजी को आसन या चौकी पर विधिवत विराजमान या स्थापित करने के बाद उनकी पंचोपचार या षोडोषपचार पूजन की शुरुआत करें।
 
2. पहले मुट्ठीभर चावल के उपर जल भरा कलश स्थापित करें और उसमें आम के पत्ते रखें और उसके उपर नारियल। कलश की पूजा करें। 
 
4. अब केले के पत्तों से पूजा स्थल को सजाएं। 
 
4. अब धूप दीप प्रज्वलित करें और फिर उन्हें माला पहनाएं। 
 
5. माला पहनाने के बाद उन्हें तिलक लगाएं, फूल अर्पित करें और फिर एक-एक करके सभी पूजा सामग्री अर्पित करें।
 
6. फिर उन्हें उनकी पसंद का भोग और नैवेद्य लगाएं।
 
7. उनके बाद उनकी आरती उतारें।
 
8. आरती के बाद सभी को प्रसाद वितरण करें।
 
9. अंत में चतुर्थी की कथा सुनें और यदि व्रत रख रखा है तो फलाहार ग्रहण करें।