Fathers Day के लिए मशहूर शायरों के चुनिन्दा शेर
इन अशआरों से करिये पिता के लिए अपनी भावनाओं का इज़हार
Fathers Day Shayari : पिता का रिश्ता अपने बच्चों के साथ बहुत अलहदा होता है। शायद ये वो इकलौता रिश्ता है जहाँ जज़्बात खुल कर ज़ाहिर नहीं होते। इसी खूबसूरत रिश्ते का दिन है Fathers Day। यूँ तो ये रिश्ता किसी दिन का मोहताज नहीं लेकिन अपने पिता के लिए आपके सम्मान, भावनाओं और प्रेम के लिए ये मौका बहुत ख़ास हो सकता है।
Fathers Day के इसी खास मौके पर हम आपके लिए लाए हैं मशहूर शायरों के चुनिन्दा शेर जो आपके पिता के प्रति आपकी भावनाओं, प्रेम और सम्मान को व्यक्त करने का जरिया बन सकते हैं।
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घर की इस बार मुकम्मल मैं तलाशी लूँगा
ग़म छुपा कर मिरे माँ बाप कहाँ रखते थे
साजिद जावेद साजिद
ये सोच के माँ बाप की ख़िदमत में लगा हूँ
इस पेड़ का साया मिरे बच्चों को मिलेगा
मुनव्वर राना
मुद्दत के बाद ख़्वाब में आया था मेरा बाप
और उस ने मुझ से इतना कहा ख़ुश रहा करो
अब्बास ताबिश
बाप ज़ीना है जो ले जाता है ऊँचाई तक
माँ दुआ है जो सदा साया-फ़िगन रहती है
सरफ़राज़ नवाज़
वो पेड़ जिस की छाँव में कटी थी उम्र गाँव में
मैं चूम चूम थक गया मगर ये दिल भरा नहीं
हम्माद नियाज़ी
उन के होने से बख़्त होते हैं
बाप घर के दरख़्त होते हैं
अज्ञात
मुझ को थकने नहीं देता ये ज़रूरत का पहाड़
मेरे बच्चे मुझे बूढ़ा नहीं होने देते
मेराज फ़ैज़ाबादी
अज़ीज़-तर मुझे रखता है वो रग-ए-जाँ से
ये बात सच है मिरा बाप कम नहीं माँ से
ताहिर शहीर