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Last Modified: रविवार, 13 दिसंबर 2020 (20:28 IST)

Farmers Protest: सोमवार सुबह 8 बजे से भूख हड़ताल पर बैठेंगे किसान नेता, सभी जिला हेडक्वार्टर पर देंगे धरना

Farmers Protest: सोमवार सुबह 8 बजे से भूख हड़ताल पर बैठेंगे किसान नेता, सभी जिला हेडक्वार्टर पर देंगे धरना - farmers one day hunger strike from 8 am to 5 pm on 14 december
नई दिल्ली। केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ बीते दो सप्ताह से अधिक समय से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे सभी किसान संघों के प्रमुख सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने रविवार का यहां यह जानकारी दी।
 
उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह 8 से शाम 5 बजे तक होने वाली यह भूख हड़ताल 14 दिसंबर से आंदोलन को तेज करने की किसानों की योजना का हिस्सा है। चढूनी ने सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नेता अपने-अपने स्थानों पर भूख हड़ताल करेंगे। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि देशभर के सभी जिला मुख्यालयों पर धरने भी दिए जाएंगे। प्रदर्शन इसी प्रकार चलता रहेगा।
 
चढूनी ने कहा कि कुछ समूह प्रदर्शन खत्म कर रहे हैं और कह रहे हैं कि वे सरकार द्वारा पारित कानूनों के पक्ष में हैं। हम स्पष्ट करते हैं कि वे हमसे नहीं जुड़े हैं। उनकी सरकार के साथ साठगांठ है। उन्होंने हमारे आंदोलन को कमजोर करने का षड़यंत्र रचा। सरकार किसानों के प्रदर्शन को खत्म करने के लिए साजिश रच रही है।'
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि सरकारी एजेसियां किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोक रही हैं, लेकिन जब तक उनकी मांगे नहीं मान ली जातीं तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारा रुख स्पष्ट है, हम चाहते हैं कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए। इस आंदोलन में भाग ले रहे सभी किसान संघ एकजुट हैं।
 
एक और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार बातचीत का एक और प्रस्ताव रखती है तो हमारी कमेटी उसपर विचार करेगी। हम सभी से प्रदर्शन के दौरान शांति बरकरार रखने की अपील करते हैं।
 
किसान नेता संदीप गिड्डे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 19 दिसंबर से प्रस्तावित किसानों की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल रद्द कर दी गई है। इसकी बजाय सोमवार को दिनभर की भूख हड़ताल की जाएगी। 
भानु गुट हमारे साथ नहीं : संयुक्त किसान आंदोलन के नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने सिंघू बॉर्डर पर 14 दिसंबर को भूख हड़ताल पर बैठने की घोषणा की है। सिंघू बॉर्डर पर किसान नेताओं ने आज संवाददाता सम्मेलन कर स्पष्ट किया कि भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के भानु प्रताप जिन्होंने प्रदर्शन वापस लेने की बात कही है वे किसान मोर्चा से नहीं जुड़े हैं।
 
किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि भानु गुट उनके साथ कभी प्रदर्शन में साथ नहीं था और जो फैसले यहां से होंगे किसान आंदोलन के लिए वही मान्य होंगे। किसानों के प्रदर्शन के बीच आज सिंघू बॉर्डर पर तनाव उस समय बढ़ गया जब प्रदर्शन स्थल पर जगह नहीं होने के कारण कुछ किसानों ने 30-40 मीटर आगे की जगह का घेराव किया। हालांकि पुलिस ने बैरिकेडिंग कर किसानों को रोक दिया है। इस दौरान कुछ किसान जमकर नारेबाजी कर रहे थे।
इस बीच, सिंघू बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है और यहां उनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि मैं शनिवार रात को यहां पहुंचा हूं, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा से और भी किसान यहां आ रहे हैं। प्रदर्शनकारी के मुताबिक 16 दिसंबर तक सिंघू बॉर्डर पर 500 और ट्रॉलियों के आने की उम्मीद है। (भाषा)
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