• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. oxygen therapy device
Written By अवनीश कुमार
Last Updated : गुरुवार, 3 सितम्बर 2020 (11:52 IST)

IIT कानुपर ने तैयार की ऑक्सीजन थेरेपी डिवाइस, कोविड-19 से जंग में रहेगी कारगर

IIT कानुपर ने तैयार की ऑक्सीजन थेरेपी डिवाइस, कोविड-19 से जंग में रहेगी कारगर - oxygen therapy device
कानपुर। कोविड-19 की महामारी से लड़ रहे संक्रमित मरीजों की ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए आईआईटी कानपुर व नोका रोबोटिक्स ने ऑक्सीजन थेरेपी डिवाइस (Noccarc H210) तैयार किया है। 
यह डिवाइस नवीनतम तकनीकों के द्वारा संचालित है और कोविड-19 के संक्रमण से ग्रसित मरीजों के सांस लेने में होने वाली तकलीफ को दूर करने में और रोगियों को नाक के माध्यम से आराम से सांस लेने में भी मदद करती है।
 
क्या है ऑक्सीजन थेरेपी डिवाइस : ऑक्सीजन थेरेपी डिवाइस के बारे में जानकारी देते हुए सूचना प्रकोष्ठ आईआईटी कानपुर के गिरीश पंथ ने बताया कि आज पूरा देश कोविड-19 महामारी से लड़ रहा है। इस महामारी के चपेट में आने वाले ज्यादातर संक्रमित मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
 
इस तकलीफ को दूर करने के लिए आईआईटी कानपुर,नोका रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड व स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (SIIC) की एक इनक्यूबेट कंपनी,ने ऑक्सीजन थेरेपी डिवाइस करी है या डिवाइस अत्याधुनिक तरीके से बनाई गई है। इसका प्रयोग करने से रोगी की खुद सांस लेने की क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होता है।
 
यह डिवाइस नाक के माध्यम से रोगियों को शुद्ध ऑक्सीजन युक्त हवा प्रदान करता है। इससे संक्रमित व्यक्तियों के रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा का स्तर बढ़ जाता है।जिससे संक्रमित व्यक्ति में ऑक्सीजन की कमी नहीं रहती है और अन्य बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ जाती है।
 
इसके उपयोग से ऑक्सीजन की मात्रा पूर्ण होने पर प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से मरीज जल्दी स्वस्थ भी होने लगता है।उन्होंने बताया कि डिवाइस में एक खास बात यह भी है कि अधिक मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचने पर अलार्म बजे लगता है और अगर शरीर की ऑक्सीजन की कमी होने लगती है तो भी अलार्म बजने लगता है। और व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा उतनी ही रहती है जितनी कि उसके शरीर को आवश्यकता होती है।
 
क्या बोले नोका रोबोटिक्स के सीईओ - नोका रोबोटिक्स के सीईओ, निखिल कुरेल ने बताया कि करोना महामारी के दौरान देखा गया है कि ज्यादातर मरीजों में सांस से संबंधित समस्याएं खड़ी हो जाती हैं और कभी कभी मरीज आसानी से सांस ले भी नहीं पाता है और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा की कमी होने लगती है। इससे उसके शरीर के कई अन्य अंग पर भी ऑक्सीजन की कमी के चलते कमी आने लगती हैं और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है। इन सभी को देखते हुए डिवाइस को बनाया गया है।
 
यह डिवाइस रोगियों को ऑक्सीजन प्रदान करती है। इसमें वयस्क और बाल चिकित्सा मोड भी हैं। इसमें ऑक्सीजन की आपूर्ति बहुत अधिक या कम होने की सूचना देने के लिए अलार्म भी लगे हैं जो स्वास्थ्यकर्मियों को सतर्क रखने का काम करते हैं. जिससे मरीज के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा स्थिर रहती हैं।