नई दिल्ली। भारत में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस (Corona virus) संक्रमण के एक हजार से अधिक नए मामले सामने आने के बाद राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का 2 और सप्ताह यानी अप्रैल के अंत तक के लिए बढ़ना तय माना जा रहा है। शनिवार को राज्यों के बीच इस बात को लेकर सहमति भी बन गई है। देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 8300 के पार हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य सरकारों को लॉकडाउन के उल्लंघन को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने और लोगों के समाजिक मेलजोल से दूरी सुनिश्चित करने के लिए कहा है। उन्होंने 'जान है तो जहां है' कि जगह अब 'जान भी, जहान भी' पर ध्यान केन्द्रित करने की घोषणा की जिसे कई लोग उद्योग तथा कृषि समेत विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के लिए लॉकडाउन में छूट के संकेत के तौर पर भी देख रहे हैं।
मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि कोरोना वायरस से बचाव की दृष्टि से अगले तीन-चार सप्ताह काफी महत्वपूर्ण होने वाले हैं। संवाद के दौरान कई मुख्यमंत्रियों ने वायरस से निपटने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से वित्तीय राहत की मांग की जबकि मोदी ने देश को स्वस्थ रहने और समृद्ध बनाने में मदद करने वास्ते किसानों की मदद के लिए कृषि उपज के प्रत्यक्ष विपणन को प्रोत्साहित करने समेत कई उपाय सुझाए। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यों ने 10 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की मांग की है।
मोदी ने यह भी कहा कि यह संकट आत्मनिर्भर बनने और राष्ट्र को आर्थिक महाशक्ति बनाने का अवसर है।ओडिशा और पंजाब के बाद आधिकारिक तौर पर लॉकडाउन को बढ़ाने की घोषणा करने वाला महाराष्ट्र इस बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट दिखा कि वायरस के हॉटस्पॉट के तौर पर चिन्हित किए गए इलाकों में कड़ी पाबंदियां लगाई जाएं जबकि जो इलाके प्रभावित नहीं हैं उनमें छूट दी जाए।
संवाद के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि 14 अप्रैल के बाद अगले दो हफ्ते का बंद अभी जारी पिछले तीन हफ्तों के बंद से अलग होगा। येदियुरप्पा ने कहा, प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले पंद्रह दिनों के दौरान लॉकडाउन में चरणबद्ध तरीके से ढील दी जाएगी...कृषि और उद्योग क्षेत्र को छूट दी जाएगी। सरकारी कार्यालयों को आंशिक श्रमबल के साथ काम करने की अनुमति दी जाएगी।
वह (मोदी) जल्द ही ऐसे कदमों की घोषणा करेंगे।इससे अलग सूत्रों ने कहा कि सोमवार से सभी केन्द्रीय मंत्रियों को अपने-अपने कार्यालयों से कामकाज शुरू करने और लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को गति देने की योजना बनाने के लिए कहा गया है।
सूत्रों ने शनिवार को कहा कि सभी मंत्रियों से कहा गया है कि संयुक्त सचिव और उससे ऊपर की रैंक के अधिकारी अपने-अपने विभागों में काम शुरू करें। इसके अलावा प्रत्येक मंत्रालय में आवश्यक कर्मचारियों के एक तिहाई सदस्यों का उपस्थित होना जरूरी है।
वहीं सरकारी अधिकारियों ने कहा कि लॉकडाउन के दूसरे चरण के लिए दिशा-निर्देश अगले कुछ दिनों में घोषित कर दिए जाएं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यदि भारत ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन और अन्य कदम नहीं उठाए होते तो 15 अप्रैल तक देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 8.2 लाख तक पहुंच सकते थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देशभर में कोविड-19 के 1,035 नए मामले सामने आए हैं और 40 लोगों की मौत हुई है। इस तरह, देशभर में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 7,529 पहुंच गई और अब तक 242 मौत दर्ज की गई है।
हालांकि विभिन्न राज्यों से रात नौ बजे तक प्राप्त आंकड़ों पर आधारित तालिका के मुताबिक देशभर में कम से कम 8,320 लोग संक्रमण की चपेट में हैं और कम से कम 287 लोगों की मौत हुई है। अब तक 800 से अधिक लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों और विभिन्न राज्यों के आंकड़ों में अंतर है। अधिकारी इसके पीछे प्रक्रियात्मक देरी को वजह बता रहे हैं जो इसे लेकर हो रही है कि कौनसा मामला किस राज्य से जुड़ा है। मोदी के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद में शिरकत करने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया कि लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में लॉकडाउन में ढील दी जा सकती है जबकि कुछ क्षेत्रों में उसे और कड़ा किया जाएगा। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि अगर नियमों का सही ढंग से पालन नहीं किया गया तो लॉकडाउन को अप्रैल से आगे भी बढ़ाया जा सकता है। प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, मोदी ने कृषि उपज की बिक्री की सुविधा के लिए एपीएमसी (कृषि उपज बाजार समिति) कानूनों में संशोधन सहित कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए विशिष्ट उपाय सुझाए।
उन्होंने हाल ही में लांच किए गए 'आरोग्य सेतु' ऐप का भी जिक्र किया- जो किसी व्यक्ति को यह बता सकता है कि क्या वह किसी संक्रमित व्यक्ति या क्षेत्र के करीब तो नहीं है। मोदी ने इस ऐप को कोविड-19 से निपटने के लिए एक जरूरी हथियार बताया।
मोदी ने पूर्वोत्तर और कश्मीर के छात्रों और स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं की भी निंदा की। उन्होंने यह भी कहा कि पहली पंक्ति में खड़े सभी पेशवरों के लिए सुरक्षात्मक और महत्वपूर्ण उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
मोदी ने कहा, लॉकडाउन की घोषणा करते हुए मैंने कहा था, जान है तो जहान है। देश के अधिकतर लोगों ने इसे समझा और घरों के भीतर रहने की जिम्मेदारी का पालन किया। और अब दोनों आयामों पर ध्यान देने की जरूरत है, जान भी, जहान भी जो भारत के उज्ज्वल भविष्य, समृद्धि एवं स्वस्थ भारत के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब प्रत्येक नागरिक इन दोनों आयामों पर ध्यान देगा और सरकार के निर्देशों का पालन करेगा, तब इससे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में हमें ताकत मिलेगी।
प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन को कम से कम एक पखवाड़े के लिए बढ़ाने का सुझाव दिया। कोविड-19 संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसकी अवधि 14 अप्रैल तक है।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बैठक में बताया कि उनकी सरकार ने एक मई तक कर्फ्यू लगाए रखने या पूरी तरह बंद लागू करने का पहले ही निर्णय ले लिया है। सभी शिक्षण संस्थान 30 जून तक बंद रहेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुझाव दिया कि देशभर में लागू लॉकडाउन की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ाई जानी चाहिए।
संवाद में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आदि ने हिस्सा लिया। (भाषा)