अच्छी खबर : भोपाल कोरोना संक्रमित टॉप 20 शहरों की सूची से बाहर, इंदौर सातवें, मध्यप्रदेश देश में 8 वें नंबर पर
प्रदेश का रिकवरी रेट अब 71.1 प्रतिशत, डबलिंग रेट 34 दिन
भोपाल : कोरोना वायरस के संक्रमण से जहां महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे प्रदेश बुरी तरह प्रभावित है वहीं मध्यप्रदेश कोरोना के संक्रमण को रोकने में काफी हद तक कामयाब हो गया है। कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित भोपाल और इंदौर में अब हालत धीमे धीमे सुधर रहे है।
देश में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित सातवें नंबर के शहर इंदौर में रविवार को मात्र 6 नए मरीज मिले। वहीं देश के कोरोना संक्रमित टॉप 20 शहरों में अब भोपाल नहीं शामिल है। मध्यप्रदेश के एसीएस हेल्थ मोहम्मद सुलेमान के मुताबिक भारत के सर्वाधिक संक्रमित 15 शहरों में प्रदेश का इंदौर शहर अब सातवें स्थान पर है वहीं इस सूची में शामिल भोपाल अब इससे बाहर निकल गया है।
मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। अब प्रदेश पूरे देश में आठवें स्थान पर आ गया है। प्रदेश में कोरोना का डबलिंग रेट बढ़कर 34.1 दिन तथा रिकवरी रेट 71.1 फीसदी हो गया है। गौरतलब है कि रिकवरी रेट में मध्यप्रदेश, राजस्थान के बाद देश में दूसरे स्थान पर है।
देश में कोरोना की रिकवरी रेट का औसत 50.6 प्रतिशत है, जिसमें राजस्थान का रिकवरी रेट सर्वाधिक 75.3 प्रतिशत, मध्य प्रदेश 71.1 फीसदी के साथ दूसरे नंबर, गुजरात 68.9 के साथ तीसरे स्थान पर, उत्तर प्रदेश की 60 और तमिलनाडु की 54.8 प्रतिशत के साथ चौथे और पांचवे नंबर पर है।
कोरोना संक्रमण में प्रदेश आठवें स्थान पर - कोरोना संक्रमण में मध्य प्रदेश भारत में अब 8 वें स्थान पर आ गया है। मध्य प्रदेश में 10802 कोरोना पॉजिटिव प्रकरण है। देश में सर्वाधिक कोरोना प्रकरण महाराष्ट्र में 1,07,958 इसके बाद तमिलनाडु में 44,661, दिल्ली में 41,182 गुजरात में 23,544, उत्तरप्रदेश में 13,615, राजस्थान में 12,694 तथा पश्चिम बंगाल में 11,087 कोरोना पॉजीटिव प्रकरण हैं।
डबलिंग रेट भारत में सबसे कम - कोरोना संक्रमण की पूरे देश में मध्यप्रदेश में सबसे धीमी गति है। हमारी डबलिंग रेट 34.1 दिन है, जबकि भारत की 18.4 दिन है। गुजरात की 30.2 दिन, राजस्थान की 26.7 दिन, महाराष्ट्र की 21 दिन तथा उत्तरप्रदेश की 18.6 दिन है।