कोरोना योद्धा बना नौसेना का पूर्व कमांडर, 14 घंटे तक पैदल चलकर आदिवासी परिवारों तक पहुंचाई सहायता
चेन्नई। भारतीय नौसेना के अवकाश प्राप्त लेफ्टिनेंट कमांडर सत्या ने तमिलनाडु के वेस्टर्न घाट के कठिन पहाड़ी रास्तों पर अप्रैल में 14 घंटे चलकर आदिवासी समुदाय के 230 परिवारों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति कराई थी। वे ऐसे अकेले 'योद्धा' नही हैं, जो सभी कठिनाइयों का सामना करते हुए लॉकडाउन के दौरान आवश्यक चीजों के लिए संघर्षरत आदिवासी परिवारों, फंसे ट्रक चालकों और गरीब परिवारों को भोजन मुहैया करा रहे है।
वे 'आर्मर ऑफ केयर' का हिस्सा हैं, जो स्वयंसेवकों का एक समूह है जिसमें पूर्व सैन्य अधिकारी, डॉक्टर एवं युवा नागरिक शामिल हैं। देश में कोरोना वायरस महामारी के कारण 25 मार्च से जारी लॉकडाउन के कारण फंसे लोगों को भोजन आपूर्ति के लिए एक टीम के रूप में काम किया है। सत्या ने 1 टन राशन आदिवासी परिवारों तक पहुंचाने में मदद की जिससे उन्हें इस कठिन समय में जीवन-यापन का सहारा मिला।
आर्मर ऑफ केयर (एओसी) ने बताया कि कोयंबटूर स्थित इस समूह को जैसे ही यह जानकारी मिली कि आदिवासी परिवार खाद्य सामग्रियों के लिए संघर्ष कर रहे हैं और जीवन-यापन करने में कठिनाई हो रही है, उनके सदस्य तुरंत सक्रिय हो गए और चावल तथा अन्य आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने का प्रबंध किया। एओसी ने 11 गांवों के करीब 200 परिवारों तक यह सहायता पहुंचाई। (भाषा)