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Last Updated : बुधवार, 11 नवंबर 2020 (23:55 IST)

कोरोना संकट के बीच Sputnik V वैक्‍सीन के थर्ड फेज के ट्रायल में सामने आया ये प्रभावी असर

कोरोना संकट के बीच Sputnik V वैक्‍सीन के थर्ड फेज के ट्रायल में सामने आया ये प्रभावी असर - first interim data of sputnik v vaccine shows its 92 effective for covid-19 russian institute
मॉस्को। रूस के नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडिमयोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी का कहना है कि रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी (Sputnik V) के मनुष्यों पर किए गए तीसरे चरण के परीक्षणों का काफी गौर से विशलेषण किया गया है और इसकी प्रभावी दर 92 प्रतिशत पाई गई है।
 
यह परीक्षण तीसरे चरण में 20 हजार वॉलेंटियर्स पर किया गया था और इसके आंकड़ों का पहली बार अंतरिम विश्लेषण किया गया है। इस रिसर्च में पहले इंजेक्शन के 21 दिनों बाद बाद 16 हजार से अधिक लोगों को यह वैक्सीन या प्लासीबो उपचार दिया गया था और इसकी प्रभावी दर दूसरे डोज के बाद 92 प्रतिशत तक पाई गई है।
 
इन आंकड़ों की प्राप्ति के बाद गामेल्या सेंटर के शोधकर्ता इन्हें मेडिकल जर्नल में प्रकाशित करेंगे और तीसरे चरण के ट्रायल के पूरा होने के बाद गामेल्या सेंटर इस पूरी चिकित्सकीय रिपोर्ट को सार्वजनिक कर देगा।
 
इसमें बताया गया है कि 11 नवबंबर तक रूस के 29 चिकित्सा केंद्रों में चिकित्सकीय परीक्षणों के तौर पर 20 हजार वॉलेंटियर्स को वैक्सीन का पहला डोज दिया गया था और 16 हजार से अधिक वॉलेंटियर्स को वैक्सीन का पहला और दूसरा डोज दिया गया था।
 
इसके अलावा 11 नवंबर तक शोध के हिस्से के रूप में किसी भी तरह की अप्रत्याशित प्रतिकूल घटनाओं की पहचान नहीं की गई थी। टीका लगाए गए लोगों में से कुछ में थोड़े समय के लिए इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द, फ्लू जैसे सिंड्रोम जिनमें बुखार, कमजोरी, थकान और सिरदर्द शामिल हैं, देखे गए थे।
 
नैदानिक ​​परीक्षणों के दौरान टीके के सुरक्षा संबंधी मानकों की लगातार निगरानी की जा रही है और इस प्रकार की जानकारी का विश्लेषण स्वतंत्र निगरानी समिति द्वारा किया जाता है जिसमें प्रमुख रूसी वैज्ञानिक शामिल होते हैं। संग्रह, गुणवत्ता नियंत्रण और डाटा प्रोसेसिंग मानकों के अनुरूप और मॉस्को के स्वास्थ्य विभाग और क्रोकस मेडिकल, अनुबंध अनुसंधान संगठन (सीआरओ) को सक्रिय भागीदारी में शामिल किया गया है।
 
शोध के हिस्से के तौर पर 6 महीनों तक अध्ययन प्रतिभागियों का अवलोकन जारी रहेगा, जिसके बाद अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। 
 
वर्तमान में स्पूतनिक के तीसरे क्लिनिकल परीक्षण को मंजूरी दे दी गई है और यह बेलारूस, यूएई, वेनेजुएला और अन्य देशों के साथ-साथ भारत में दूसरे तथा तीसरे चरण में चल रहा है। बुजुर्ग लोगों के लिए वैक्सीन की सुरक्षा और इम्युनोजेनेसिटी का एक अलग विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है।
 
पंजीकरण प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए रूसी वैक्सीन खरीदने के इच्छुक देशों के राष्ट्रीय नियामकों को आरडीआईएफ द्वारा शोध आंकड़े प्रदान किए जाएंगे।