सेवा में 'लापरवाही', इंदौर में 10 सरकारी डॉक्टरों पर गिरी गाज
इंदौर। कोरोना (Corona) जैसी महामारी के चलते भी ड्यूटी पर नहीं आ रहे 10 सरकारी डॉक्टरों के खिलाफ जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए इन सभी को नोटिस जारी किया है साथ ही इन सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
जानकारी के मुताबिक कलेक्टर मनीष सिंह ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 10 सरकारी डॉक्टरों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस देने के साथ ही विभागीय जांच शुरू करने के बाद नौकरी से बर्खास्त करने की प्रक्रिया भी शुरू होगी। ये डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में कलेक्टर पहले भी चेतावनी दे चुके थे।
प्रशासन ने पहले निजी अस्पतालों पर सख्ती की थी। अब काम से बच रहे सरकारी डॉक्टरों पर भी गाज गिरने लगी है। बताया जा रहा है कि अभी भी कई सरकारी डॉक्टर काम पर नहीं आ रहे हैं।
जिन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है उनमें डॉ. मधु भार्गव सिविल डिस्पेंसरी जूनी इंदौर, डॉ. रीना जायसवाल जिला चिकित्सालय, डॉ. नीलम वरजवाल जिला चिकित्सालय, डॉ. वीएस होरा स्थानीय कार्यालय, डॉ. प्रीति शाह भंडारी अरण्य नगर, डॉ. मधु व्यास एमओजी लाइन, डॉ. भारती द्विवेदी जिला चिकित्सालय, डॉ. सतीश नेमा जिला चिकित्सालय और डॉ. प्रियंका सखरिया पीएचसी होल्कर कॉलेज ये सभी 9 सरकारी डॉक्टर सेवा पर नहीं आ रहे हैं।
इनके अलावा एक अन्य महिला चिकित्सक डॉ. रुचि शेखावत को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कलेक्टर का कहना है कि इन सभी सरकारी डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त किया जाएगा। अभी कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ ही इनकी विभागीय जांच भी शुरू करवा दी गई है।
बड़वाली चौकी इलाके में फ्लैग मार्च : दूसरी ओर, बड़वाली चौकी एरिया की शिकायतें मिल रही थी कि यहां पर लोग झुंड बनाकर खड़े होते हैं। इससे कोरोना फैलने का डर बना हुआ है। इसी के मद्देनजर शुक्रवार को इमली बाज़ार से इकबाल कॉलोनी होते हुए एक फ्लैग मार्च निकाला गया। इसमें पुलिस अधिकारी, तहसीलदार, निगम अधिकारी भी शामिल हुए।