बड़ी खबर: Covaxin अब 'क्लिनिकल ट्रॉयल मोड' में नहीं, टीकाकरण के लिए जरूरी नहीं होगा सहमति पत्र
नई दिल्ली। केंद्रीय औषधि प्राधिकरण के विशेषज्ञों की एक समिति ने भारत बायोटेक के स्वदेश विकसित कोरोनावायरस टीके को 'क्लिनिकल परीक्षण प्रारूप' के तहत लगाए जाने की शर्त हटाते हुए इसके आपात उपयोग की अनुमति देने की बुधवार को सिफारिश की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। यह सिफारिश भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के पास विचार करने के लिए भेजी गई है। यदि टीके को 'क्लिनिकल परीक्षण' इस्तेमाल के दायरे से बाहर कर दिया जाता है तो लाभार्थियों को इसकी खुराक लेने के लिए राजीनामे पर हस्ताक्षर नहीं करना होगा।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों पर गौर किया जिसमें टीके की प्रभाव क्षमता 80.6 प्रतिशत प्रदर्शित हुई है। इसके बाद यह सिफारिश की गई।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने क्लिनिकल परीक्षण प्रारूप की शर्त हटाने पर विचार करने के लिए हाल ही में औषधि नियंत्रक का रुख किया था। सूत्रों ने बताया कि समिति ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के अंतरिम आंकड़ों की बुधवार को समीक्षा की जिसके बाद उसने यह सिफारिश की। गौरतलब है कि औषधि नियामक ने जनहित में कोवैक्सीन के क्लिनिकल परीक्षण प्रारूप में आपात उपयोग की मंजूरी दी थी।
कर्नाटक में दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप का पहला मामला : कर्नाटक में कोरोनावायरस संक्रमण के दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप का पहला मामला सामने आया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को अपने बुलेटिन में यह जानकारी दी। हालांकि विभाग ने इस मामले की विस्तृत जानकारी नहीं दी है। राज्य में कोरोनावायरस के ब्रिटिश स्वरूप से अब तक 29 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं।
बुलेटिन के अनुसार ब्रिटेन से लौटे 64 लोग और उनके संपर्क में आए 26 लोग आरटी-पीसीआर जांच (कोविड के मौजूदा स्वरूप) में वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। कर्नाटक में 10 मार्च की शाम तक कुल 9,56,801 लोग वायरस से संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें से 12,379 लोगों की मौत हो चुकी है। 9,36,947 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। राज्य में उपचाराधीन रोगियों की संख्या 7,456 है।
तिरुमला में 57 वैदिक छात्र कोरोना की चपेट में : तिरुमला के एक वैदिक स्कूल में 57 छात्र कोविड-19 से पीड़ित पाए गए हैं। बुधवार को छात्रों की जांच की गई थी। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते बताया कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम द्वारा शासित वेद विज्ञान पीठम के छात्रों को श्री वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस अस्पताल में भर्ती करवाया गया है और उनकी सेहत ठीक बताई जा रही है।
लॉकडाउन के कारण संस्थान के बंद होने के बाद यहां के कुल 587 छात्रों में से 435 छात्र हाल ही में यहां लौटे थे। यहां बिहार, ओडिशा, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु समेत देशभर के तथा 10 से लेकर 24 वर्ष आयुवर्ग के छात्र पढ़ते हैं। अधिकारी ने बताया कि छात्र कोविड-19 जांच करवाकर ही यहां आए थे जिनमें उन्हें संक्रमणमुक्त पाया गया था। हालांकि एहतियातन जब उनकी रैपिड एंटीजन जांच की गई तो 57 छात्र संक्रमित पाए गए। पुष्टि के लिए छात्रों की आरटी-पीसीआर जांच भी की गई है जिनके परिणाम अभी आए नहीं हैं। (भाषा)