बच्चों में कोरोनावायरस की आशंकित तीसरी लहर से निपटने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित
चेन्नई। कोविड-19 की तीसरी लहर आने की आशंका के बीच यहां भारतीय औषधि एवं होम्योपैथी निदेशालय ने संकट से निपटने में सरकार का मार्गदर्शन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की है। 5 सदस्यीय समिति में सिद्धा विशेषज्ञ शामिल हैं जिनके पास खासतौर से बच्चों के संक्रामक रोगों का इलाज करने का अनुभव है।
निदेशालय के सूत्रों के अनुसार समिति में सिद्धा केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (एससीआरआई) चेन्नई के प्रभारी निदेशक डॉ. पी साथियाराजेश्वरन, राष्ट्रीय सिद्धा संस्थान (एनआईएस) तंबरम की प्रोफेसर डॉ. मीनाक्षी सुंदरम, यहां गवर्नमेंट सिद्धा मेडिकल कॉलेज, व्याख्याता ग्रेड 2 के डॉ. जे श्रीराम, तमिलनाडु डॉ. एमजीआर मेडिकल विश्वविद्यालय के महामारी विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. जोसेफ मारिया अदईकलाम और यहां स्वाभिमान ट्रस्ट के ऑटिस्म विशेषज्ञ डॉ. प्रतिभन शामिल हैं।
निदेशालय द्वारा कोरोनावायरस की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए 21 जुलाई को यहां बुलाई एक बैठक में समिति गठित की गई। डॉ. साथियाराजेश्वरन के अनुसार समिति ने पहले ही संक्रमितों के इलाज के लिए दिशा-निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि आरटी-पीसीआर जांच जारी रहेगी। चिकित्सीय दवाओं और हर्बल आहार लेने पर जोर रहेगा। दिशा-निर्देश पर दस्तावेज में कहा गया है कि पहली लहर में बहुत कम करीब 70,000 बच्चे संक्रमित पाए गए जबकि दूसरी लहर में ज्यादातर बच्चों में हल्का संक्रमण पाया गया। बच्चों में संक्रमण के लिए डायरिया, उल्टी, बुखार, खांसी, आंख में संक्रमण, रक्तवाहिका संबंधी रोग जैसे लक्षण पाए गए।(भाषा)