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Last Updated : मंगलवार, 21 जुलाई 2020 (00:57 IST)

AIIMS दिल्ली ने शुरू की 'कोवैक्सीन' टीके के मानव परीक्षण के लिए स्वयंसेवियों की भर्ती

AIIMS दिल्ली ने शुरू की 'कोवैक्सीन' टीके के मानव परीक्षण के लिए स्वयंसेवियों की भर्ती - AIIMS Delhi begins recruitment of volunteers for human trials of Covaxin vaccine
नई दिल्ली। एम्स-दिल्ली ने देश में विकसित कोविड-19 के टीके ‘कोवैक्सीन’ के मानव परीक्षण के लिए सोमवार को स्वयंसेवियों की भर्ती शुरू कर दी। यह जानकारी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने दी।

उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 के सामुदायिक प्रसार को लेकर कोई अधिक साक्ष्य नहीं हैं।एम्स-दिल्ली उन 12 स्थलों में शामिल है जिन्हें भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने ‘कोवैक्सीन’ के पहले और दूसरे चरण के मानव परीक्षण के लिए चुना है।

गुलेरिया ने कहा कि पहले चरण में 375 स्वयंसेवियों पर टीके का परीक्षण किया जाएगा जिनमें से सर्वाधिक 100 एम्स से होंगे। दूसरे चरण में, सभी 12 स्थलों से लगभग 750 स्वयंसेवी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि पहले चरण का परीक्षण 18 से 55 साल की उम्र तक के स्वस्थ लोगों पर किया जाएगा जिन्हें कोई सहरुग्णता न हो। परीक्षण के पहले चरण में ऐसी महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा जो गर्भवती न हों।

गुलेरिया ने कहा कि दूसरे चरण में 750 लोगों को शामिल किया जाएगा जिनकी उम्र 12 से 65 साल के बीच होगी।उन्होंने बताया कि एम्स में परीक्षण के लिए पहले ही लगभग 1,800 लोग अपना पंजीकरण करा चुके हैं। एम्स-दिल्ली के निदेशक ने कहा, पहले चरण में हम टीके की सुरक्षा देखते हैं जो प्राथमिक महत्व का विषय है और खुराक की मात्रा की गणना भी की जाती है।

उन्होंने कहा, दूसरे चरण में हम देखते हैं कि यह प्रतिरक्षा के मामले में कितना सक्षम है और फिर बाद में तीसरे चरण का परीक्षण होता है जिसमें टीके के चिकित्सकीय लाभ देखने के लिए बड़ी आबादी को शामिल किया जाता है।

‘कोवैक्सीन’ आईसीएमआर और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के सहयोग से हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा विकसित किया जा रहा है। भारत के औषधि महानियंत्रक ने हाल में टीके के मानव परीक्षण की अनुमति दे दी थी।

गुलेरिया ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कोरोनावायरस के सामुदायिक प्रसार के कोई ज्यादा साक्ष्य नहीं हैं, लेकिन हॉटस्पॉट हैं, उन शहरों में भी जहां मामलों में वृद्धि हो रही है, ऐसी संभावना है कि उन क्षेत्रों में स्थानीय प्रसार हो रहा है।

यह पूछे जाने पर कि टीका कब उपलब्ध होगा, गुलेरिया ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि हर चीज सही ढंग से काम करे। उन्होंने कहा, संभव है कि हम कहें कि टीका सुरक्षित है और फिर हमें पता चले कि यह ज्यादा प्रभाव नहीं दे रहा तो हमें कुछ और अधिक करना होगा जिसमें कुछ महीने लग सकते हैं।

गुलेरिया ने कहा, इसलिए टीका उपलब्ध होने का सही समय बताना मुश्किल काम है। यदि हर चीज ठीक से काम करती है तो साल के अंत तक या अगले साल के शुरू में हम यह कहने की स्थिति में हो सकते हैं कि हम टीके का विनिर्माण शुरू कर सकते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत में कोविड-19 के मामले चरम पर पहुंच गए हैं, गुलेरिया ने कहा, मेरा मानना है कि कुछ क्षेत्रों में ये चरम पर पहुंच गए हैं। दिल्ली में ऐसा प्रतीत होता है क्योंकि मामलों में महत्वपूर्ण ढंग से कमी आने लगी है। लेकिन कुछ क्षेत्रों में अभी इसे चरम पर पहुंचना बाकी है।

गुलेरिया ने कहा कि कुछ राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, वे थोड़ा बाद में चरम पर पहुंचेंगे। दक्षिण में कुछ राज्यों, मध्य मुंबई और अहमदाबाद में कुछ स्थानों पर मामलों में कमी की शुरुआत प्रतीत होती है। उन्होंने कहा, लेकिन चरम पर पहुंचने और फिर कमी शुरू होने का मतलब यह नहीं है कि आप अपने प्रयासों में ढिलाई बरतने लगें।

भारत के बाहर कई शहरों में, खासकर अमेरिका में जब लोगों को लगा कि मामलों के चरम पर पहुंचने की स्थिति खत्म हो गई है, उन्होंने भौतिक दूरी, मास्क पहनने के नियमों का उल्लंघन शुरू कर दिया और मामले फिर से बढ़ गए।

गुलेरिया ने कहा, मानव परीक्षण का चरण शुरू हो चुका है और यह बहुत ही प्रशंसनीय है क्योंकि यह स्वदेशी टीका है। भारत में हम अनुसंधान और विकास नहीं करते। उन्होंने कहा कि नया टीका बनाना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और अब हम अनुसंधान तथा विकास के क्षेत्र में हैं, अपना स्वयं का टीका बना रहे हैं और फिर इसका व्यापक उत्पादन करने में सफल हो रहे हैं।

गुलेरिया ने कहा, व्यापक उत्पादन में हमारी स्थिति बहुत अच्छी है। कोई भी टीका यदि विश्व के किसी भी हिस्से से आता है तो भारत इसके उत्पादन में शामिल होगा क्योंकि विश्व के 60 प्रतिशत या इससे अधिक टीकों का विनिर्माण भारत में हो रहा है।

एम्स के सामुदायिक औषधि केंद्र में प्रोफेसर डॉ. संजय राय ने सोमवार को कहा कि एम्स-दिल्ली ने व्यक्तियों के पंजीकरण और निरीक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी है और उन्हें टीका दिए जाने से पहले उनकी स्वास्थ्य स्थिति का आकलन किया जा रहा है।
परीक्षणों के प्रधान अन्वेषक डॉ. राय ने कहा कि जो भी व्यक्ति परीक्षण में शामिल होने की इच्छा रखता है, वह सीटीएआईआईएमएस डॉट कोविड 19 @जीमेल डॉट कॉम पर मेल कर सकता है या 7428847499 पर फोन या एसएमएस कर सकता है।(भाषा)
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