Lockdown में फंसे 96 हजार प्रवासी मजदूर पहुंचे अपने घर
जयपुर। राजस्थान सरकार की सतर्कता के चलते लॉकडाउन में देश के कई हिस्सों में फंसे लाखों श्रमिकों में अब तक लगभग 96 हजार प्रवासी मजदूरों को घरेलू राज्यों में पहुंचाया जा चुका है। राज्य में उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल की निगरानी में गठित टीम स्थिति का जायज़ा ले रही है और राज्यों के साथ लगातार संपर्क बनाकर फंसे हुए मजदूरों की घर वापसी करा रही है।
इसके लिए दैनिक ट्रेनों की व्यवस्था की गई है। राजस्थान सरकार द्वारा भोजन, मास्क, सैनेटाइजर की सुविधाओं के साथ मजदूरों के परिवहन पर ध्यान दिया जा रहा है। सारी यात्राओं को सख्त निगरानी में रखा जा रहा है साथ में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। विशेष रेलवे स्टेशनों पर सभी यात्रियों की जांच मेडिकल टीमों द्वारा की जा रही है।
अब तक राजस्थान सरकार ने कई राज्यों के फंसे प्रवासी मजदूर को अपने-अपने राज्य भेज दिया है, जैसे गुजरात में 4,292, मध्यप्रदेश में 37,422, पंजाब में 7,774, हरियाणा में 5,580 और उत्तर प्रदेश में 27,469 मजदूरों की घर वापसी करा दी है।
सरकार ने प्रवासी मज़दूरों की समस्याओं से निपटने के लिए शुरुआती दौर में बसों को चलाया परंतु अब देशभर में विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रवासी मजदूरों की परिवहन प्रक्रिया को आसान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। रेलवे परिवहन की अनुमति के तुरंत बाद, राज्य सरकार ने मजदूरों के साथ ही कोटा में फंसे छात्रों को भी घर भेजना शुरु कर दिया है।
अग्रवाल ने कहा कि हम अपने मजदूरों को वापस लाने और भेजने के लिए अन्य राज्यों के साथ बातचीत में जुटे हुए हैं। यह वह समय है जब हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर नागरिक को खाना मिले और बिना किसी परेशानी के वह अपने घर पहुंचे। हमने स्थिति पर नज़र रखी हुई है और हर दिन इस काम के लिए चलाई गई विशेष ट्रेनें मजदूरों को अपने-अपने राज्य भेज रही हैं।
मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं और उन्होंने सख्ती से निर्देश दिए हैं कि कोई भूखा नहीं सोएगा। विशेष रूप से 8,12,423 मजदूरों ने रेलगाड़ियों से यात्रा करने और अपने गृह राज्यों तक पहुंचने के लिए पंजीकरण कराया है, वहीं 10,64,417 मजदूरों ने देश के अलग-अलग हिस्सों से राजस्थान पहुंचने के लिए पंजीकरण कराया है।(वार्ता)