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Last Modified: रायपुर , शनिवार, 18 जनवरी 2025 (18:21 IST)

Journalist murder case : छत्तीसगढ़ में PWD के 2 अधिकारी सस्‍पैंड, पत्रकार चंद्राकर ने किया था भ्रष्टाचार को उजागर

Journalist murder case : छत्तीसगढ़ में PWD के 2 अधिकारी सस्‍पैंड, पत्रकार चंद्राकर ने किया था भ्रष्टाचार को उजागर - 2 PWD officials suspended in Chhattisgarh on corruption charges
Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ के लोक निर्माण विभाग (PWD) के 2 अधिकारियों को बीजापुर जिले में सड़क निर्माण कार्य में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित कर दिया गया है। इन अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच पत्रकार मुकेश चंद्राकर द्वारा पूरे मामले को अपनी खबर के जरिए उजागर किए जाने के बाद शुरू हुई। मुकेश चंद्राकर की इस महीने की शुरुआत में हत्या कर दी गई थी। इस परियोजना के ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उनके 3 सहयोगियों को पत्रकार की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
 
राज्य का पीडब्ल्यूडी विभाग संभाल रहे उपमुख्यमंत्री अरुण साव द्वारा जारी बयान में कहा गया है, बीजापुर जिले में 52.40 किलोमीटर लंबे नेलसनार-कोडोली-मिरतुर-गंगालूर सड़क के निर्माण की जांच में कार्य के निष्पादन में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। अधिकारियों की मिलीभगत के कारण सरकारी धन की बर्बादी, गबन, दोषपूर्ण मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करने और ठेकेदार/निर्माण एजेंसी के साथ सांठगांठ में भ्रष्टाचार के प्रथम दृष्टया सबूत मिले हैं।
साव ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने बस्तर परिक्षेत्र (जगदलपुर) में पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत तत्कालीन कार्यकारी अभियंता (अब सेवानिवृत्त) बीएल ध्रुव, उप-विभागीय अधिकारी आरके सिन्हा, उप अभियंता जीएस कोडोपी और अन्य संबंधित अधिकारियों के खिलाफ नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य में अनियमितता के लिए तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है।
 
उपमुख्यमंत्री ने बयान में कहा, विभाग ने सिन्हा और कोडोपी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। विभाग ने ध्रुव को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर जवाब तलब किया है। एक अधिकारी ने बताया, शुक्रवार को आदेश जारी किए गए।
जांच दल ने 8-9 जनवरी को नेलसनार-कोडोली-मिरतुर-गंगालूर सड़क निर्माण कार्य का निरीक्षण किया और कई स्थानों पर गड्ढे, उखड़ी हुई सतह और अपर्याप्त मोटाई सहित विभिन्न कमियों को इंगित किया। रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि काम निर्धारित मानकों और मानदंडों का पालन किए बिना किया गया था। सूत्रों ने बताया कि नेलसनार-कोडोली-मिरतुर-गंगालूर सड़क को 2010 में 73.08 करोड़ रुपए की लागत से मंजूरी दी गई थी।
दिसंबर के आखिरी सप्ताह में मुकेश चंद्राकर (33) की एक खबर प्रकाशित हुई थी, जिसमें सुरेश चंद्राकर के सड़क निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार को उजागर किया गया था। पत्रकार एक जनवरी को लापता हो गए थे और उनका शव तीन जनवरी को बीजापुर शहर के चट्टानपारा बस्ती में सुरेश चंद्राकर के स्वामित्व वाली संपत्ति के सेप्टिक टैंक में मिला था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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