आमिर खान ने क्यों नहीं की थी डर?
यश चोपड़ा को ‘डर’ फिल्म में कलाकार चुनने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा था। कई कलाकारों को उन्होंने यह फिल्म ऑफर की थी और यश चोपड़ा जैसे निर्देशक को ज्यादातर से ‘ना’ सुनने को मिला था। सनी देओल ने जब यह फिल्म स्वीकार कर ली तो राहुल का रोल (जो शाहरुख खान ने निभाया था) अजय देवगन को ऑफर किया गया। अजय ने जब मना किया तो यह रोल आमिर खान को ऑफर किया गया। आमिर को रोल पसंद आया और स्क्रिप्ट सुनने को वे राजी हो गए। जब आमिर को पता चला कि यश चोपड़ा सिर्फ उन्हें ही स्क्रिप्ट सुनाएंगे तो उन्होंने इस पर आपत्ति लेते हुए कहा कि वे सनी देओल के साथ बैठकर स्क्रिप्ट सुनना पसंद करेंगे। आमिर का ये सोचना था कि इससे उन्हें और सनी को पता चल जाएगा कि किसका रोल कितना लंबा है और बाद में किसी तरह का विवाद नहीं होगा। आमिर की यह बात यश चोपड़ा को मंजूर नहीं थी। आमिर को जब यह पता चला तो उन्होंने फिल्म करने से मना कर दिया। इस ना के पीछे एक वजह ये भी थी कि यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘परंपरा’, जिसमें आमिर ने भी अभिनय किया था, आमिर को पसंद नहीं आई थी। आमिर वाला रोल शाहरुख खान को ऑफर किया गया और उन्होंने बिना समय गंवाए यह रोल स्वीकार लिया। इसके बाद यशराज फिल्म्स और शाहरुख खान में मधुर संबंध हो गए और यशराज फिल्म्स की फिल्मों के जरिये शाहरुख सुपरस्टार बन गए। सोचिए कि यदि यह रोल आमिर स्वीकार कर लेते तो क्या शाहरुख वहां होते जहां आज हैं?