सुपरस्टार सिंगर 2 : लता मंगेशकर ने किया था 'हंसता हुआ नूरानी चेहरा' फेम जीवनकला केलकर का नामकरण
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के किड्स सिंगिंग रियलिटी शो 'सुपरस्टार सिंगर 2' दर्शकों को अपने बेमिसाल यंग सिंगिंग टैलेंट से चौंकाने से कभी नहीं चूकता है। सप्ताह दर सप्ताह और परफॉर्मेंस के बाद परफॉर्मेंस के साथ इस शो के कंटेस्टेंट्स अपने बेहतरीन गायन से जजों को प्रभावित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस म्यूज़िक रियलिटी शो का आगामी एपिसोड 'जूनियर सिटीजन स्पेशल' में सदा जवान रहने वाले 'वरिष्ठ नागरिकों' का जश्न मनाएगा, जिन्होंने अपनी अनूठी उपलब्धियों के साथ बार-बार ये साबित किया है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है। इन खास मेहमानों की सच्ची भावना की तारीफ करते हुए कंटेस्टेंट्स अपने मधुर गायन के साथ उन्हें एक उत्साहजनक श्रद्धांजलि देंगे और उन्हें बेहद खास महसूस कराएंगे।
'जूनियर सिटीज़न स्पेशल' एपिसोड में प्रतिभाशाली अभिनेत्री जीवनकला खास मेहमान के रूप में चार चांद लगाएंगी, जिन्होंने 1963 के ब्लॉकबस्टर गीत 'हंसता हुआ नूरानी चेहरा' के जरिए अपार लोकप्रियता हासिल की थी। लगभग एक दशक से भी ज्यादा समय तक कई हिट गानों पर डांस कर चुकीं जीवन कला ने इस मौके पर दिल खोलकर डांस किया। उनकी शानदार मौजूदगी निश्चित रूप से शो के माहौल को रोशन कर देगी।
'नूरानी चेहरा' फेम जीवन कला अपनी फेवरेट कंटेस्टेंट यानी सुपरस्टार सिंगर 2 की 'नन्हीं अजूबी' साइशा गुप्ता को सपोर्ट करती नजर आएंगी। साइशा की जमकर तारीफ करते हुए, जीवनकला जी उन्हें एक सैश (कमरबंद) भेंट करती नजर आएंगी, जिस पर 'मिस नूरानी चेहरा' लिखा था। वो साइशा को 'छोटी जीवनकला' की उपाधि भी देंगी।
यह जश्न उस वक्त और भी बड़ा हो जाएगा, जब जीवन कला जी खुद 'हंसता हुआ नूरानी चेहरा' पर परफॉर्म करते हुए अपने जोश से भरे खूबसूरत डांस मूव्स से सभी को मंत्रमुग्ध कर देंगी, और साइशा ये गाना गाती नजर आएंगी। उनका जोश और उत्साह सचमुच सभी के लिए एक प्रेरणा है कि किसी को भी अपनी कला और जुनून का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
अब तक के इन बेस्ट बच्चों के मंत्रमुग्ध कर देने वाले गायन का मजा लेने के दौरान जीवन कला भी एक दिलचस्प याद ताजा करती नजर आएंगी कि कैसे प्रसिद्ध गायिका स्वर्गीय लता मंगेशकर ने उन्हें जीवनकला नाम दिया था। उन्होंने लता जी को अपना करियर बनाने का श्रेय दिया।
इस बारे में अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए जीवन कला कहती हैं, मुझे लगता है कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं। जब मैंने 3 साल की उम्र में चलना शुरू किया, तो मैंने डांस करना शुरू कर दिया था। लता दीदी हमारी बिल्डिंग में रहती थीं और वे हमेशा हमसे मिलने आती थीं। हमारी मांएं पक्की सहेलियां थीं। लता दीदी, आशा ताई और ऊषा ताई नियमित रूप से हमसे मिलती थीं।
उन्होंने कहा, मेरे नामकरण समारोह के दौरान, लता दीदी ने मेरी मां से मेरा नाम जीवनकला रखने के लिए कहा क्योंकि मैं उनकी प्रतिभा के साथ पैदा हुई थी। लता मंगेशकर ने मुझे मेरे करियर और कला के हर पहलू में आगे बढ़ाया। उन्होंने ही मुझे बॉम्बे बुलाया और मुझे अपने घर में रखा। लता मंगेशकर ही मेरी गुरु थीं, और इससे ज्यादा कोई क्या मांग सकता है। भगवान ने मुझे इतनी ऊर्जा का आशीर्वाद दिया है कि मैं अब भी डांस कर सकती हूं और मैं इसका आनंद लेती हूं।