सफलता ने मुझे जरा भी नहीं बदला: भूमि पेडनेकर
‘दम लगा के हईशा’ से लेकर ‘सांड की आंख’ जैसी फिल्मों में मजबूत भूमिकाएं निभाते हुए एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर ने बेहद कम समय में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। हालांकि उनका मानना है कि इस प्रसिद्धि से भी उनमें कोई बदलाव नहीं आया है।
भूमि कहती हैं, “मैं अभी भी वही लड़की हूं। ईमानदारी से कहूं तो मेरे अंदर अधिक बदलाव नहीं आए हैं। सफलता ने मुझे जरा भी नहीं बदला है। मैं अभी भी बहुत संवेदनशीन, महत्वाकांक्षी हूं, मेरी आंखों में अभी भी बड़े-बड़े सपने हैं। मुझे लगता है, मेरे जीवन का सबसे बड़ा बदलाव यह था कि मैंने बहुत कम उम्र में तय किया कि मैं एक अभिनेत्री बनना चाहती हूं।”
वह आगे कहती हैं, “मैं वह काम करना चाहती हूं, जो मैं करना चाहती हूं और अपने लिए एक अलग जगह बनाना चाहती हूं। मैं चूहे की दौड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहती और इसे लेकर मेरा दृष्टिकोण स्पष्ट है।”
एक्ट्रेस का मानना है कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें अभिनय में हाथ आजमाने का मौका मिला। उन्होंने कहा, “मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे अवसर मिले, और यह सब यशराज फिल्म्स में उस एक नौकरी के साथ शुरू हुआ। जब मैंने उनके साथ शुरुआत की तो मैं 17 साल की थी, मुझे नहीं पता था कि मैं क्या कर रही थी। मैं ईमानदारी से कहूं तो वापस विदेश जाने की सोच रही थी। मुझे पता था कि मुझे काम शुरू करना होगा वरना मेरे माता-पिता मुझे आगे की पढ़ाई के लिए विदेश भेज देंगे। लेकिन एक फिल्म के साथ मेरा जीवन बदल गया।”
भूमि ने यशराज प्रोडक्शन हाउस में एक असिस्टेंट कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में शुरुआत की थी। इसके बाद उन्हें इसी बैनर की साल 2015 की फिल्म ‘दम लगा के हईशा’ से ब्रेक मिला, जिसमें उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई थी।
भूमि पेडनेकर हाल ही फिल्म ‘भूत पार्ट वन- द हॉन्टेड शिप’ में विक्की कौशल के अपोजिट नजर आई थीं। भूमि अब ‘डॉली किट्टी और वो चमके सितारे’ और ‘दुर्गावती’ में दिखाई देंगी।