बुरे वक्त में मेरे पिता से बॉलीवुड ने मुंह फेर लिया
अभिनेता- निर्माता जॉय मुखर्जी का फिल्मी करियर अच्छा-खासा रहा, लेकिन उनके बेटे मोनजॉय का कहना है कि जब उनके पिता का मुश्किल वक्त था तब फिल्म उद्योग का कोई भी सदस्य उनके साथ नहीं था।
जॉय मुखर्जी ने अपने फिल्मी सफर की शुरूआत 1960 में साधना के साथ ‘लव इन शिमला’ फिल्म से की थी और ‘फिर वही दिल लाया हूं, ‘लव इन तोक्यो’ तथा ‘जिद्दी’ जैसी कई कामयाब फिल्में दीं। उनका वर्ष 2012 में 73 साल की उम्र में निधन हो गया था।
मोनजॉय ने कहा, ‘‘मेरे पिता भी उसी बुरे दौर से गुजरे जिससे अभिनेता गुजरते हैं। उन बुरे दिनों में हम बच्चे थे। जब वह कामयाबी के शिखर पर थे तब बहुत सारे लोग उनके आसपास रहते थे, लेकिन असफलता के दौर में तो उद्योग से ताल्लुक रखने वाले लगभग सभी लोगों ने उनसे मुंह फेर लिया।’’
फिल्म उद्योग में पैर जमाने के लिए संघषर्रत मोनजॉय ने कहा कि उन्हें ऑस्कर विजेता फिल्म ‘द आर्टिस्ट’ में अपने पिता की कहानी नजर आती है। यह फिल्म एक सिनेमा स्टार को मिलने वाली कामयाबी और फिर नाकामी पर आधारित है।
अपने बारे में उन्होंने कहा ‘‘जब पिता इस पेशे में हों तो बच्चों के लिए यहां की राह आसान होती है, लेकिन मेरे पिता तो फिल्म उद्योग में 40 साल पहले थे .. इसलिए मेरा रास्ता बहुत कठिन है।’’(भाषा)