आयुष्मान खुराना आज भी हैं अपने कॉलेज के दोस्तों के टच में, बोले- कठिनाइयों से पार पाने में मिलती है मदद
फ्रेंडशिप डे पर आयुष्मान खुराना का कहना है कि बेहतरीन दोस्त पाकर वह धन्य हैं क्योंकि इस तरह के मानवीय संबंध लोगों को मौजूदा कोरोनावायरस महामारी जैसी विपत्तियों से जूझने में मदद करते हैं। आयुष्मान खुराना के लिए दोस्ती बिल्कुल अनमोल रिश्ता है। उनके लिए दोस्त शक्ति के स्तंभ रहे हैं और वह अपने हर दोस्त के साथ एक खूबसूरत बॉन्ड शेयर करते हैं।
बॉलीवुड के कामयाब कम्पोजर रोचक कोहली आयुष्मान के सबसे पुराने दोस्तों में से हैं। आयुष्मान उनके साथ सबसे मजबूत बॉन्ड शेयर करते हैं। आठवीं कक्षा के दिनों से शुरू हुई इस दोस्ती में रोचक और आयुष्मान के बीच ऐसा बंधन है कि दोनों परस्पर बेहद ईमानदार हैं और चाहे जैसी भी परिस्थिति हो दोनों एक-दूसरे का साथ निभाते हैं। इस फ्रेंडशिप डे पर आयुष्मान खुलासा ने बताया कि किस तरह दोस्त उनकी जिंदगी के सच्चे एंकर रहे हैं।
आयुष्मान ने कहा, रोचक को मैं अपनी 8वीं ग्रेड के दिनों से जानता हूं। हम दोनों ने लेट नाइंटीज के दौरान चंडीगढ़ के एक ही स्कूल 'सेंट जॉन्स ब्वॉयज स्कूल' से पढ़ाई की है। स्कूल में हम उस वक्त गहरे दोस्त बने जब हमें पता चला कि म्यूजिक को लेकर हम दोनों दीवानों जैसा जुनून रखते हैं। दूसरे स्टुडेंट भी वहां पढ़ते थे लेकिन हम गाने लिखने और उन्हें कंपोज करने का कॉमन टैलेंट शेयर करते थे, जो 8वीं ग्रेड के स्टुडेंट्स के लिए एक रेयर चीज थी।
आयुष्मान द्वारा शेयर किए गए एक मजेदार थ्रोबैक फोटो में रोचक और वह लड़कों के एक समूह में कॉलेज के एक नाटक के लिए अपने सिर मुंड़ाए खड़े हुए हैं। आयुष्मान जाहिर करते हैं, यह तस्वीर हमारे एक कॉलेज प्ले के दौरान क्लिक की गई थी। मुझे लगता है कि हम डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ में होने जा रहे अपने एक प्रदर्शन की तैयारी कर रहे थे। इस तस्वीर में कुछ और दोस्त भी नजर आ रहे हैं- कुमार सौरव, जयवीर सिंह और मयंक चौधरी।
उन्होंने आगे बताया, हमारा 'आवाज' नाम का कॉलेज ग्रुप था और इस प्ले का नाम था- कुमारस्वामी, जिसका मैं मुख्य पात्र था। इसमें रोल निभाने के लिए सभी लड़कों ने सिर मुड़ाए थे। हम कुल मिलाकर 10 पात्र थे और चंडीगढ़ की उन भीषण सर्दियों में हम सबको सिर मुड़ाने पड़े। यह बिल्कुल पागलपन था।
आयुष्मान और रोचक का झुकाव हमेशा क्रिएटिव आर्ट्स की तरफ रहता था। वह याद करते हैं- 'रोचक और मैंने ढेरों प्ले एक साथ किए हैं। फर्स्ट ईयर में हम यूनानी नाटक 'स्पार्टाकस' में साथ थे। सेकेंड ईयर में हमने 'कुमारस्वामी' एक साथ किया था, यह तस्वीर तभी क्लिक की गई थी। थर्ड इयर में हमने 'अंधायुग' नाटक में भाग लिया जिसमें मेरे कैरेक्टर का नाम अश्वत्थामा था। बुनियादी तौर पर रोचक ने इन सभी नाटकों में म्यूजिक दिया था और कुछ किरदार भी निभाए थे। वह बहुआयामी व्यक्ति है।
आयुष्मान का कहना है कि वह अपने सभी दोस्तों के साथ रेग्युलर टच में रहते हैं, खासकर रोचक के साथ। उन्होंने कहा, हम लगभग हर दूसरे दिन बात करते हैं। उसका सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा है। उसके पिछले दो गाने चार्टबस्टर हैं- जुबिन नौटियाल का गाया 'मेरी आशिकी' और बी. प्राक के साथ उसका लैटेस्ट ट्रैक 'दिल तोड़ के।' रोचक और मैं लॉकडाउन शुरू होने के एक दिन पहले मिले थे। उस वक्त मैं आर्टिकल 15 के लिए बेस्ट एक्टर क्रिटिक्स अवॉर्ड जीतकर लौट रहा था। हम मिले और उस पल को हमने एक साथ सेलीब्रेट किया।
अपने दोस्तों के टच में बने रहने से निश्चित तौर पर उन्हें लॉकडाउन के दौरान बड़ी मदद मिली है। आयुष्मान की राय है- मानवीय संबंध बड़े महत्वपूर्ण होते हैं। हालांकि इस दौरान हमने सारा संपर्क वर्चुअली बनाए रखा था। रोचक और मैं लगातार अपने स्कूल व कॉलेज के दोस्तों के भी टच में रहे। सबसे खूबसूरत बात यह है कि हम एक ही स्कूल के हैं और सेंट जॉन्स स्कूल के अपने सेक्शन में पढ़ने वाले 40 अन्य लड़कों के संपर्क में हैं।
मुझे लगता है कि इससे विपत्तियों से दो-दो हाथ करना आसान हो जाता है। कोई फिजिकली आपके आसपास नहीं होता, लेकिन कम से कम आप टेक्नालॉजी के माध्यम से जुड़े रहते हैं, जिससे आपको कठिनाइयों से पार पाने में भी मदद मिलती है।