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Last Updated : शुक्रवार, 17 जनवरी 2025 (12:54 IST)

कंगना रनौट की इमरजेंसी को पंजाब में बैन करने की मांग, सिनेमाघरों के बाहर पुलिस बल तैनात, कई शो कैंसल

कंगना रनौट की इमरजेंसी को पंजाब में बैन करने की मांग, सिनेमाघरों के बाहर पुलिस बल तैनात, कई शो कैंसल - Demand to ban Kangana Ranauts film Emergency in Punjab many shows cancelled
तमाम विवादों के बाद कंगना रनौट की फिल्म 'इमरजेंसी' सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। हालांकि रिलीज के बाद भी फिल्म को लेकर विवाद खत्म नहीं हुआ है। फिल्म का पंजाब में जमकर विरोध किया जा रहा है। 'इमरजेंसी' पर बैन लगाने की मांग के बीच पंजाब में सिनेमाघरों के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस को तैनात किया गया है। 
 
'इमरजेंसी' का पंजाब भर में विरोध किया जा रहा है। एसजीपीसी और अन्य सिख संगठनों के सदस्य पूरे राज्य में सिनेमाघरों के बाहर एकत्रित हो गए हैं। हालांकि चंडीगढ़ में फिल्म रिलीज हो गई है जहां किसी प्रकार का विरोध नहीं किया जा रहा। सिख संगठनों के विरोध के मद्देनजर अमृतसर में पीवीआर सूरज चंदा तारा सिनेमा के बाहर भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। 
 
पटियाला, लुधियाना और मोहाली आदि में भी फिल्म का विरोध किया जा है। सिनेमाघरों में गुरुवार तक फिल्म की बुकिंग की जा रही थी जिसे आज रद्द कर दिया गया है। एसजीपीसी ने कड़ा विरोध करते हुए पंजाब सरकार से फिल्म को पंजाब में प्रतिबंधित करने की मांग की है।
 
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिख कर फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। उन्होने कहा कि भाजपा सांसद कंगना रनौट द्वारा निर्मित फिल्म 'इमरजेंसी' 17 जनवरी 2025 को पंजाब के विभिन्न शहरों के सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है और इसके लिए टिकटें भी बुक होनी शुरू हो गई हैं। 
 
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ने इस फिल्म के सम्बन्ध में पहले ही 28 सितंबर 2024 को अंतरिम कमेटी के प्रस्ताव के माध्यम से पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर पंजाब में कंगना रनौट की फिल्म इमरजेंसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर चुके हैं।
 
उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि फिल्म 'इमरजेंसी' को पंजाब में चलने नहीं दिया जाएगा, क्योंकि यह सिखों को बदनाम करने के उद्देश्य से राजनीतिक तरीके से बनाई गई है।
 
धामी ने कहा कि एक प्रस्ताव के माध्यम से राज्य सरकार से मांग की गई थी कि वह पंजाब में इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाए लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि पंजाब सरकार ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। यदि यह फिल्म रिलीज होती है तो स्वाभाविक है कि इससे सिख जगत में आक्रोश और गुस्सा पैदा होगा। 
 
उन्होंने कहा कि फिल्म में 1984 में सिखों के पवित्र तीर्थस्थल सचखंड श्री स्वर्ण मंदिर, श्री अकाल तख्त साहिब और कई अन्य स्थानों पर घातक हमलों के साथ-साथ सिख नरसंहार और जनसंहार को दबाकर, राष्ट्र के खिलाफ जहर उगलने की भावना के साथ सिख विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाया गया है। इसके साथ ही फिल्म में सिखों के राष्ट्रीय शहीद संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले को भी चित्रित किया गया है।