रानी मुखर्जी पहली फिल्म असफल होने के बाद वापस पहुंच गई थीं कॉलेज
21 मार्च 1978 को जन्मी रानी मुखर्जी का नाम आज बॉलीवुड की सफल और सशक्त अभिनेत्रियों में लिया जाता है। उन्होंने कई फिल्मों में बेहतरीन अभिनय कर अपने आपको साबित किया है।
वे जब 16 साल की थीं तो फिल्म निर्माता सलीम खान ने रानी को 'आ गले लग जा' में हीरोइन का रोल ऑफर किया। रानी के पिता राम मुखर्जी ने ऑफर यह कह कर ठुकरा दिया कि रानी की उम्र अभी बहुत कम है।
राम मुखर्जी ने 1996 में अपनी बंगाली फिल्म 'बियेर फूल' में रानी को सपोर्टिंग रोल दिया जो रानी ने अच्छे से अभिनीत किया।
रानी को फिल्म करते देख सलीम खान फिर राम मुखर्जी के पास आए। वे हिंदी फिल्म राजा की आएगी बारात की प्लानिंग कर रहे थे।
रानी की मां ने सलाह दी कि बतौर प्रयोग उनको यह फिल्म कर लेनी चाहिए। रानी ने ऑफर स्वीकार लिया और फिल्म शुरू होने के पहले अभिनय की ट्रेनिंग भी ली।
राजा की आएगी बारात में रानी ने ऐसी युवती की भूमिका निभाई जिसमें उसे बलात्कारी से ही शादी करना पड़ती है। फिल्म की चर्चा तो खूब हुई, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर खास सफलता नहीं मिली। हां, रानी के अभिनय को खूब सराहा गया।
रानी ने एक प्रयोग के रूप में यह फिल्म की थी। जब नहीं चली तो वे वापस कॉलेज पहुंच गईं अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी करने के लिए।
लेकिन जब रानी ने देखा कि उनकी चचेरी बहन काजोल फिल्मो में शानदार सफलता अर्जित कर रही हैं तो रानी का इरादा बदला। उन्होंने फिल्मों में करियर बनाने का निश्चय किया और फिर पलट कर नहीं देखा। तो रानी की सफलता में कहीं ना कहीं काजोल का भी हाथ है।