'विघ्नहर्ता गणेश' में बेड़ी वाले हनुमान का रोल निभा रहे निर्भय वाधवा बोले- मुश्किल वक्त हमेशा के लिए नहीं रहता
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के शो 'विघ्नहर्ता गणेश' के वर्तमान ट्रैक में प्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी मंदिर की रोचक कथाएं दिखाई जा रही हैं। इसमें बताया जा रहा है कि बेड़ी वाले हनुमान जी किस तरह अस्तित्व में आए। इस ट्रैक में अभिनेता निर्भय वाधवा भगवान हनुमान का रोल निभा रहे हैं, जो इससे पहले भी बहुत-से पौराणिक किरदार निभा चुके हैं। एक दिलचस्प चर्चा के दौरान इस पॉपुलर एक्टर ने इस शो और अपने रोल से जुड़ीं कुछ खास बातें बताईं।
आप सोनी टीवी के एक शो में पहले भी भगवान हनुमान के रोल में नजर आ चुके हैं। ऐसे में वापसी करके आपको कैसा लग रहा है?
यह वाकई बहुत अच्छा एहसास है। बहुत साल पहले मैंने सोनी टीवी के एक शो में भगवान हनुमान का रोल निभाया था और एक बार फिर 'विघ्नहर्ता गणेश' जैसे शो में इस महाबली भगवान का रोल निभाते हुए बहुत अच्छा लग रहा है। मैं उम्मीद करता हूं कि दर्शक बेड़ी वाले हनुमान के मेरे किरदार को पसंद करेंगे और उनके अस्तित्व का महत्व जानेंगे।
आज के समय में जगन्नाथ पुरी की कथा का क्या महत्व है?
आज खुद में और अपनी ताकत में यकीन रखना बहुत जरूरी है। मुश्किल वक्त जरूर आता है, लेकिन वो हमेशा के लिए नहीं रहता। यह जान लीजिए कि कोई भी चीज स्थाई नहीं है। हर समस्या का एक हल होता है। इसी तरह वर्तमान ट्रैक में दर्शक देखेंगे कि भगवान हनुमान एक विध्वंसक तूफान से जगन्नाथ पुरी मंदिर की रक्षा करते हैं और स्वयं बेड़ियों में जकड़ जाते हैं। जहां हम सभी जगन्नाथपुरी के प्रसिद्ध मंदिर के बारे में जानते हैं, वहीं यह दिलचस्प कथा लोगों को इस बारे में जागरूक करेगी कि इस मंदिर के प्रवेश द्वार पर भगवान हनुमान की मूर्ति क्यों स्थापित की गई है।
अब तक की शूटिंग का अनुभव कैसा रहा?
अब तक मेरी शूटिंग का अनुभव बहुत बढ़िया रहा। इसके ज्यादातर कलाकार मुझे अच्छी तरह जानते हैं। इनमें से कुछ लोगों के साथ तो मैंने पहले काम भी किया है, इसलिए इनके साथ तालमेल बनाने में मुझे ज्यादा वक्त नहीं लगा। बहुत-से आर्टिस्ट के लिए क्रोमा और वीएफएक्स का कॉन्सेप्ट नया है, इसलिए शूटिंग के दौरान वे मुझे देखते हुए सीखते हैं और बदले में मैं भी उनसे सीखता हूं। मुझे अपने रोल और इसकी गंभीरता का एहसास है और इसे निभाते हुए मुझे बड़ा प्रेरक अनुभव होता है। भगवान हनुमान के सत्कर्मों से सीखने के लिए बहुत कुछ है। इससे हनुमान जी के बारे में मेरा ज्ञान और बढ़ गया है।
क्या शूटिंग के दौरान आपको कुछ दृश्यों में मुश्किलें आई?
सबसे मुश्किल दृश्य वो थे, जिनमें मुझे हवा में उड़ना था। इसके लिए जहां सभी सुरक्षा उपायों का ध्यान रखा गया, वहीं बीच हवा में संवाद बोलना कभी-कभी चुनौती भरा हो जाता था। लेकिन बार-बार अभ्यास और धैर्य के साथ मैंने शूटिंग के इस हिस्से को भी पार कर लिया।
आपको अपने रोल में आने के लिए कितने घंटे लगते हैं?
अपने गेट-अप में आने के लिए मुझे 30 से 45 मिनट लगते हैं। पहले जब मैं भगवान हनुमान का रोल निभाता था, तो मुझे तैयार होने में 3 से 4 घंटे लग जाते थे। लेकिन टाइम और प्रैक्टिस के साथ मेरी हेयर और मेकअप टीम भी इस किरदार के मेकअप के बारे में भली-भांति जानने लगी है। टीका से लेकर डेंचर, ज्वेलरी और कॉस्टयूम तक सबकुछ बड़ी खूबसूरती से लगाया जाता है। अब वो मंझे हुए कलाकार हो गए हैं और मेरे किरदार को सही रूप देने में माहिर हैं।
आपने भगवान हनुमान का रोल कितनी बार निभाया है?
टेलीविजन की बात करूं तो मैंने करीब 3-4 बार भगवान हनुमान का रोल निभाया है। इसके अलावा मैंने जमीनी स्तर के कई कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया, जिसमें भगवान हनुमान और भगवान राम की कथाएं प्रस्तुत की गई हैं।
क्या आप एक हनुमान भक्त हैं?
बिल्कुल! बचपन से ही मैं हनुमान चालीसा का पाठ करता आ रहा हूं। मैं रोज भगवान हनुमान के सामने सिर झुकाता हूं। मैं आस्तिक हूं और सभी देवी देवताओं में विश्वास रखता हूं। मैं उनके आशीर्वाद से ही वर्कआउट शुरू करता हूं। मैं उनसे वाकई बहुत प्रेरित हूं।
आप अपनी सेहत का ख्याल कैसे रखते हैं? क्या अपने फैंस को कोई टिप देना चाहेंगे?
बहुत-से लोग महामारी से बुरी तरह प्रभावित हैं। ऐसे में अपनी दिनचर्या के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना एक बड़ी समस्या बन गई है। हालांकि मैं बीमार नहीं पड़ा और ईश्वर के आशीर्वाद से मेरा स्वास्थ्य भी अच्छा है। लेकिन जिम बंद होने से एक्टर्स को घर पर वर्कआउट करने में मुश्किलें हो रही हैं। यहां तक की सेट पर आने-जाने में भी बहुत समय लग जाता है। इसलिए मैं ज्यादा एक्सरसाइज़ नहीं कर पाता हूं, लेकिन खुद को मेंटेन रखता हूं। मैंने इस शो के लिए ट्रेनिंग शुरू की और इसके नतीजे अब साफ नजर आ रहे हैं।
आपकी जिंदगी की सबसे बड़ी प्रेरणा कौन है?
मेरी मां मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। मैं और मेरा छोटा भाई मुंबई में रहते हैं, जबकि मेरी मां और मेरे पिता मेरे मूल शहर में रहते हैं। मेरी मां बहुत नेक हैं, जो अपने बच्चों को खुश रखने के लिए खुशी-खुशी हर तकलीफ झेल लेंगी। मेरे लिए उनसे बढ़कर कोई दूसरी प्रेरणा नहीं हो सकती।
आपके आने वाले प्रोजेक्ट्स के बारे में कुछ बताएं?
मेरे आने वाले कुछ प्रोजेक्ट्स हैं, लेकिन मैं उनके बारे में तभी बात करूंगा, जब मैं इस पर हस्ताक्षर कर दूं।