गुलाबो सिताबो : थिएटर में रिलीज हुए बिना कमाए 18 करोड़ रुपये
सिनेमाघर वालों के लिए यह खबर अच्छी नहीं कही जा सकती है। बिना थिएटर में रिलीज हुए फिल्में पहले से ही प्रॉफिट कमाया करती थी, लेकिन सलमान खान या आमिर खान जैसे स्टार्स की। अब आयुष्मान खुराना जैसे सितारे की फिल्में भी ऐसा लाभ कमाने लगी हैं। यह संभव हो पाया है ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के जरिये।
12 जून को आयुष्मान खुराना और अमिताभ बच्चन अभिनीत तथा शूजीत सरकार द्वारा निर्देशित फिल्म 'गुलाबो सिताबो' सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिये दर्शकों के सामने पहुंच गई।
यह हिंदी फिल्म उद्योग के लिए पहला ऐसा अवसर था जब इतने बड़े सितारों की फिल्म बिना सिनेमाघर में जाए अमेजन प्राइम वीडियो पर दिखाई गई।
मार्च 2020 के पहले ऐसा कोई सोच भी नहीं सकता था। परिपाटी थी कि पहले फिल्म सिनेमाघर में दिखाई जाए फिर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर।
छोटी और अनबिकी फिल्में जरूर ओटीटी पर आई, लेकिन गुलाबो सिताबो जैसी फिल्में नहीं जो कि सिनेमाघर में रिलीज करने के लिए भी बनाई गई थी।
यह संभव हो पाया कोविड 19 के कारण। इस महामारी ने सिनेमाघरों में ताले जड़वा दिए। पहले लगा कि कुछ महीनों का नुकसान है, लेकिन जिस तरह से चीजें बदली हैं उसे देख लगता है कि सिनेमाघर का भविष्य खतरे में है।
सिनेमाघर रहेंगे जरूर लेकिन यदि इसी तरह ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिये फिल्म सीधे दर्शकों के घर तक पहुंच जाएगी तो संभव है कि आधे से ज्यादा सिनेमाघर बंद होने की कगार पर पहुंच जाएंगे। पहले से ही कई तरह की परेशानी झेल रहे सिनेमाघर इस आंधी का मुकाबला शायद ही कर पाएं।
गुलाबो सिताबो ने रिलीज के पहले ही 18 करोड़ रुपये कमा लिए। यह संभव हो पाया ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिये। कैसे? इसके लिए आपको फिल्म का अर्थशास्त्र समझना होगा।
गुलाबो सिताबो में काम करने के बदले अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना को 8-8 करोड़ रुपये मिले। फिल्म का निर्देशन करने के बदले में शूजीत सरकार ने भी 8 करोड़ रुपये लिए। इस तरह से 24 करोड़ रुपये तो इन तीन लोगों के बीच बंट गए।
फिल्म की शूटिंग, अन्य कलाकारों और क्रू मेंबर्स का खर्चा मिला कर 26 करोड़ रुपये और लगे। इस तरह से 50 करोड़ रुपये में फिल्म तैयार हुई।
फिल्म रिलीज के लिए तैयार थी, लेकिन कोविड 19 के कारण मामला अटक गया। अमेजन प्राइम वीडियो ने 64 करोड़ रुपये का ऑफर दिया और फिल्म के निर्माता फौरन तैयार हो गए। 4 करोड़ रुपये में म्युजिक राइट्स बिके।
इस तरह से 50 करोड़ रुपये की लागत वाली फिल्म के बदले 68 करोड़ रुपये मिले। हो गया ना 18 करोड़ का फायदा।