'भारत के वीर' : शहीदों के परिवार के लिए अक्षय कुमार की सराहनीय पहल
मुंबई आतंकी हमले के 10 साल बीत जाने पर अक्षय कुमार ने अपने ऐप 'भारत के वीर' के काम करने की प्रक्रिया को दिखाया। अक्षय ने अपने आय पैड पर भारत के वीर टाइप करने से ले कर उनकी ऐप पर इन दिनों किन शहीदों के फोटो लगाए हैं यहां तक की पूरी जानकारी दी। साथ ही अक्षय ने ये भी बताया कि कैसे ऐप पर जा कर अपने बैंक अकाउंट की जानकारी भरी जा सकती है और अपनी स्वेच्छा से दी जाने वाली मदद को भी दर्शाया।
अक्षय ने वेबदुनिया संवाददाता रूना आशीष को कहा कि "हमने अभी तक तकरीबन 240 शहीदों के परिवार को मदद की है। ये ऐप मैंने भारत सरकार के साथ मिल कर बनाया है। ये बहुत ही विश्वसनीय ऐप है।"
अक्षय बताते हैं "मेरे ऐप में मैं पूरी जानकारी के साथ ही शहीदों के नाम डालता हूं, जिसमें उनका नाम, उनका पूरा पता, उनके घरवाले और उनकी पुण्यतिथी होती है। साथ ही हमने यह भी बताया गया है कि वो सैनिक कैसे शहीद हुआ। आप जिसे भी मदद करना चाहते हैं उसके प्रोफाइल पर क्लिक कर सकते हैं।'
अक्षय आगे बताते हैं 'मेरे पिता भी फौजी ही थे, तो मैं इन लोगों की ज़िंदगी के बारे में सबकुछ जानता हूं और इनकी ज़िंदगी जी चुका हूं। मुझे मालूम है कि ये और इनके घरवाले कैसा महसूस करते होंगे।'
आपको प्रेरणा कैसे मिली? पूछने पर अक्षय कहते हैं 'एक बार मैं एक बीबीसी पर एक डॉक्यूमेंट्री देख रहा था। उसमें बताया गया था कि कैसे कोई शख्स आतंकवादी बनता है। कैसे आतंकवादी भोले-भाले लोगों को बहलाते हैं कि हम तुम्हारे घर परिवार का ख्याल रखेंगे और उन पर कोई आंच नहीं आने देंगे। तुम्हें बस हमारे लिए काम करना होगा। ऐसे में कोई भी शख्स उनकी बातों में आ जाता है और आतंकवाद की ओर मुड़ जाता है। उस दिन मैंने सोचा कि अगर ये आतंकवादी आम लोगों को ऐसे बातों में बरगला कर अपनी ओर ले रहे हैं तो क्यों ना इन्हीं बातों को अच्छी नीयत के साथ और अच्छे इरादे के साथ हमारे देश के सिपाहियों को समझाया जाए ताकि उन्हें भी ये लगे कि जिस देश के लिए वो भारत-पाकिस्तान सीमा या सियाचिन की सीमा पर तैनात है वो देश उनके घरवालों को कभी परेशानी का सामना नहीं करने देगा।कभी भी उनके माता-पिता या पत्नी-बच्चों को पैसे की तंगी से नहीं गुज़रने देगा। बस यहीं से प्रेरणा मिली और अपने भारत के वीर ऐप पर काम करना शुरू कर दिया।'
तो क्या ता उम्र इन लोगों को ये मदद मिलती है? इस पर अक्षय बताते हैं 'हमने एक सीमा निर्धारित कर ली है। हर शहीद के परिवार जिसमें उसके माता पिता पत्नी और बच्चे हैं उनको प्रतिशत के अनुसार बांट कर धनराशि दी जाती है। हर परिवार को 15 लाख रुपये तक अधिकतम राशि मिलती है। जैसे ही वो शहीद 15 लाख की सीमा छू लेता है उसका फोटो और प्रोफाइल ऐप से डिलीट हो जाता है। इसके बाद किसी नए शहीद का प्रोफाइल अपलोड कर दिया जाता है।