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Last Modified: पटना , शनिवार, 7 नवंबर 2015 (23:31 IST)

लगातार दो हार के बाद बिजनेस करना चाहते थे नीतीश!

लगातार दो हार के बाद बिजनेस करना चाहते थे नीतीश! - Nitish Kumar
पटना। एक पुस्तक में दावा किया गया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजनीति के शुरुआती दिनों में 1977 और 1980 में लगातार हार का सामना करने के बाद कोई बिजनेस करने का मन बनाया था।
 
संतोष सिंह द्वारा लिखी गयी किताब ‘रुल्ड आर मिसरुल्ड’ में कहा गया है कि हरनौत विधानसभा सीट से 1977 और 1980 में कांग्रेस के भोला सिंह के हाथ लगातार हार का सामना करने के बाद नीतीश ने अपने करीबी दोस्त मुन्ना सरकार से कहा था 'ऐसे कैसे होगा, लगता है कोई बिजनेस करना होगा।'
 
नीतीश का परिवार उनकी हार को लेकर अधीर हो गए था। बीएसई इंजीनियरिंग की डिग्री के सहारे नौकरी पाने का विकल्प बचा हुआ था।
 
पुस्तक के अनुसार नीतीश ने अपनी पत्नी मंजू, जो कि अपने पैतृक गांव सेवदह स्थित सरकारी उच्च विद्यालय में शिक्षिका थीं, से 1985 के चुनाव में एक और मौका देने को कहा था।
 
मजबूत विरोधी भोला सिंह का सामना कर रहे नीतीश के दोस्तों ने उनके लिए 1985 के चुनाव के लिए ‘चंदा’ इकट्ठा करना शुरू कर दिया। 
 
पुस्तक में नीतीश के दोस्त नरेंद्र को उद्धरित करते हुए कहा गया है कि नीतीश जहां अपनी राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे थे, हम लोगों ने उनके विरोधी को पटखनी देने और उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठाने का निर्णय लिया। मंजू (नीतीश की पत्नी) ने अपनी बचत से 20 हजार रुपए दिए और अंतत: नीतीश ने 1985 का चुनाव जीता और बिहार विधानसभा पहुंचे।
 
339 पृष्ठों वाली उक्त पुस्तक में नीतीश कुमार, राजद प्रमुख लालू प्रसाद और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी जो कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण के 1974 के अंदोलन की उपज हैं के बारे में कई दिलचस्प घटनाएं हैं। (भाषा)