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Last Updated :पटना , मंगलवार, 27 अक्टूबर 2015 (00:01 IST)

आप, गाप और निर्दलियों से मजेदार बना बिहार चुनाव

आप, गाप और निर्दलियों से मजेदार बना बिहार चुनाव - Bihar assembly elections
पटना। आम आदमी पार्टी की तर्ज पर बना एक नया राजनीतिक दल, एक पत्रकार, विभिन्न निर्दलीय उम्मीदवार, चुनाव आयोग की ओर से उन्हें दिए गए चुनाव चिन्ह और प्रचार के दौरान विभिन्न उम्मीदवारों तथा दलों द्वारा प्रयुक्त पंक्तियों को मिलाकर बिहार चुनाव का जायका बड़ा ही मजेदार हो गया है।
दिल्ली स्थित महज एक वर्ष पुरानी ‘गरीब आदमी पार्टी (गाप)’ का कहना है कि वह ‘वैकल्पिक राजनीति’ का विकल्प पेश करना चाहती है और मतदाताओं को ‘मोदी कैंप तथा नीतीश नेतृत्व वाले महागठबंधन’ के बीच की ‘खाई’ से बचने को आगाह कर रही है। ‘गाप’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम भारतीय ने कहा कि हम अपनी पूरी ताकत और उत्साह के साथ चुनाव लड़ रहे हैं और हमने पटना जिले में दिघा, दानापुर, बांकीपुर और कुमरहार, फुलवारी, पटना साहिब सहित 19 सीटों से उम्मीदवार खड़े किए हैं। 
 
हमारे प्रत्याशी मुजफ्फरपुर, वैशाली, हाजीपुर से भी चुनाव लड़ रहे हैं। हमारे दो प्रत्याशी लालू जी के दो पुत्रों के खिलाफ महुआ और राघोपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव के दौरान मार्च में भारतीय ने आप से विद्रोह करके ‘गाप’ का गठन किया और 11 सीटों पर चुनाव भी लड़ा था। हालांकि उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
 
भारतीय का कहना है कि मैं अभी भी उस दृष्टिकोण में विश्वास रखता हूं, जिसके साथ आप का गठन हुआ है, इसलिए हमने ‘गाप’ नाम चुना।’’ उन्होंने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश सहित अन्य स्थानों पर चुनाव लड़ा, हालांकि एक भी सीट पर जीत पाने में असफल रहे। 
 
नवोदित के रूप में हमारा प्रदर्शन विश्वास बढ़ाने वाला था, इसलिए हमने बिहार चुनाव में ‘आम लोगों’ के प्रतिनिधित्व का फैसला किया। यदि हम बिहार में एक भी सीट जीतते हैं तो यह हमारी नैतिक जीत होगी।’ मजे की बात यह है कि पार्टी के बिहार प्रमुख, दिलीप कुमार सिंह लालू प्रसाद की पार्टी राजद से विद्रोह कर ‘गाप’ में शामिल हुए हैं। उनका कहना है कि ‘पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘सीटी’ चोरों को दूर भगाने के लिए है।’
 
पटना के विभिन्न विधानसभा सीटों के लिए बुधवार को तीसरे चरण में मतदान होना है। इसी दिन पांच अन्य जिलों भोजपुर, वैशाली, बक्सर, नालंदा और सारन में भी मतदान होंगे। तीसरे चरण, 28 अकटूबर के मतदान से पहले आज शाम इन सभी छ: जिलों में चुनाव प्रचार और शोर-गुल बंद हो जाएगा।
 
बिहार चुनावों में मोदी नेतृत्व वाली राजद और नीतीश नेतृत्व वाली महागठबंधन जैसे बड़े राजनीतिक दलों की मौजूदगी के बीच, एक पत्रकार ने राजनीति की दुनिया में कदम रखते हुए मतदाताओं से अनुरोध किया है कि ‘राजनीतिक छल-कपट को खारिज करें’ तथा विकास समर्थक उम्मीदवारों को वोट दें। शहर की एक मासिक पत्रिका के संपादक, 42 वर्षीय ब्रजेश मिश्रा पटना जिले के महत्वपूर्ण कुमरहार सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
 
अशोक नगर पूर्वी, स्थित उनके कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि हमारे मुद्दे बहुत आसान हैं, लेकिन वे क्षेत्र के लोगों की रोजमर्रा की जिन्दगी से जुड़े हुए हैं.. सीवर की खराब हालत के कारण जलभराव, जलापूर्ति आदि। मिश्राजी राजनीति में आने से पहले लोगों के भले के लिए काम करते थे और निकाय मामलों को लेकर कई धरने भी दिए हैं। चुनाव चिन्ह ‘कैमरा’ के साथ मैदान में उतरे मिश्रा ने अंतिम दिन रोड शो किया जहां उनके समर्थक ‘कैमरा छाप जिन्दाबाद’ के नारे लगा रहे थे।
 
‘गाप’ की ‘सीटी छाप’ और मिश्रा के ‘कैमरा छाप’ से आगे बढ़ें तो बिहार चुनाव में और भी कई दिलचस्प चुनाव चिन्ह देखने को मिले। कुमरहार सीट से ही चुनाव लड़ रहे दो निर्दलीय उम्मीदवारों के चुनाव चिन्ह हैं ‘कलमदान’ और ‘सिलेंडर’ जबकि गरीब जनता दल (सेक्यूलर) ‘ऑटो’ चिन्ह पर चुनाव लड़ रहा है। (भाषा)