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Last Modified: पटना , शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2015 (22:12 IST)

लालू का जातीय कार्ड कांग्रेस के लिए बन रहा है गले की फांस

Bihar assembly elections
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लिए 'करो या मरो' की लड़ाई बन
गया है और यही कारण है कि चुनाव आयोग से नोटिस मिलने के बावजूद बेपरवाह नजर आ रहे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव इस चुनाव को 'अगड़ों और पिछड़ों' की लड़ाई बताकर वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं जिससे उसके साथ महागठबंधन में शामिल कांग्रेस की स्थिति असहज होती जा रही।



यादव के जातीय कार्ड खेलने से कांग्रेस के नेता और प्रत्याशी चिंतित हैं। कांग्रेस इस मामले में राजद से दूरी दिखाना चाहती है।

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार यही वजह है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की गुरुवार को कहलगांव (भागलपुर) और वजीरगंज (गया) तथा उपाध्यक्ष राहुल गांधी की 7 अक्टूबर को बछवाड़ा (बेगूसराय), बरबीघा (शेखपुरा) और चेनारी (रोहतास) में होने वाली चुनावी सभाओं के लिए राजद के किसी नेता को औपचारिक तौर पर आमंत्रित नहीं किया गया है।

दूसरी ओर पिछड़ी जातियों का ध्रुवीकरण कराने की राजद की खुलेआम कोशिश के कारण अगड़ी जातियों के वोट छिटकने के डर के कारण कांग्रेस के नेता डैमेज कंट्रोल में भी लग गए हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी ऊंची जाति के गरीब लोगों को भी आरक्षण दिए जाने की पक्षधर है।

उन्होंने कहा कि ऊंची जाति के गरीब लोगों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए आरक्षण दिया जाना चाहिए। वर्ष 2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में जारी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछडे़ वर्ग के लिए आरक्षण जारी रखने के साथ ही सवर्ण जातियों के गरीबों को भी आरक्षण की सुविधा दिए जाने का समर्थन किया।

कांग्रेस की चिंता का बड़ा कारण है कि उसके अधिकांश प्रत्याशी शहरी और अर्द्धशहरी इलाके से लड़ रहे हैं। महागठबंधन में चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस को मिली 41 में से 17 सीट ऐसी हैं, जहां ऊंची जाति के मतदाता जीत और हार तय कर सकते हैं। इन सीटों पर उसका सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से है।

इन सीटों से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशियों में बेहद बेचैनी है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार ऐसे ही कई प्रत्याशियों की ओर से पार्टी पर दबाव बनाया जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व अगड़ी और पिछड़ी जातियों के आधार पर ध्रुवीकरण कराने के लिए दिए जा रहे यादव के बयान पर रोक लगाने का आग्रह करे। कई प्रत्याशियों ने पत्र लिखकर कहा है कि यदि यादव ऐसे ही बयान देते रहे तो पार्टी को भारी नुकसान होगा।

कांग्रेस के प्रत्याशियों ने पार्टी नेतृत्व से इस बारे में स्पष्ट राय जाहिर करने का भी आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेतृत्व की ओर से इस मुद्द पर स्पष्ट राय जाहिर नहीं की गई तो मतदाताओं में यह संदेश चला जाएगा कि कांग्रेस भी जात-पात की राजनीति का समर्थन कर रही है। इससे कांग्रेस को न सिर्फ बिहार में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी नुकसान होगा। (वार्ता)