जॉर्ज राइट, बीबीसी न्यूज़
इसराइल और हमास के बीच युद्ध जल्द खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इसराइली सेना ने कहा है कि 2024 में भी ग़ज़ा का संघर्ष जारी रह सकता है।
इसराइल डिफेंस फोर्सेज के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा कि लंबे युद्ध के आसार को देखते हुए सैनिकों की तैनाती के पैटर्न में तब्दीलियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कुछ सैनिक खास कर रिजर्व सैनिकों को मोर्चे से निकाल कर नए सिरे से संगठित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ''ये बदलाव इसलिए किए जा रहे हैं ताकि योजना और तैयारी में मदद मिल सके। इसराइली सेना को लग रहा है कि आगे अतिरिक्त मिशनों के लिए और अधिक तैयारी की जरूरत पड़ेगी क्योंकि युद्ध पूरे साल चलेगा।''
उन्होंने कहा कि कुछ रिजर्व सैनिक ग़ज़ा से जल्द से जल्द इस सप्ताह तक निकल जाएंगे ताकि आने वाले ऑपरेशनों के लिए वो दोबारा ऊर्जा भर सकें।
हमास की ओर से संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक़ इसराइल के साथ पिछले 11 सप्ताह की लड़ाई में कम से कम 21 हजार 800 लोग मारे गए हैं। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।
गजा की 85 फीसदी आबादी दर-बदर
इस साल 7 अक्टूबर को दक्षिणी इसराइल पर हमास के हमले के बाद जवाबी कार्रवाई में इतने लोगों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है।
हमास के हमले में 1200 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें से ज्यादातर नागरिक थे। हमास के हमलावर अपने साथ 240 लोगों के बंधक बना कर ले गए थे।
इसराइल हाल तक इस साल के आखिर तक ग़ज़ा में बम बरसाता रहा है। रविवार को इसराइल की शुरू गई बमबारी में अब तक 48 लोगों के मौत हुई है। कई लोग अब भी मलबे में दबे हैं।
चश्मदीदों के मुताबिक़ इस इसराइली हमले में ग़ज़ा सिटी के पश्चिम स्थित अल-अक्सा यूनिवर्सिटी में शरण लिए हुए 20 लोगों की मौत हो गई। हालांकि बीबीसी इसकी पुष्टि नहीं कर सका है।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि इसराइली हमले के बाद ग़ज़ा में रहने वाले 24 लाख लोगों में से लगभग 20 लाख लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।
युद्ध चरम पर है : नेतन्याहू
इसराइली बमबारी के बारे में बताते हुए उत्तरी ग़ज़ा से विस्थापित होकर रफाह पहुंचे 57 साल की जैनब खलील ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, ''दुनिया भर के देशों के आसमान आज आतिशबाजी से चमक रहे होंगे। लोगों के हंसने-खिलखिलाने से माहौल गूंज रहा होगा लेकिन ग़ज़ा में हमारा आसमान इसराइली मिसाइलों से भरा हुआ है।"
"यहां तोपों से गोलाबारी हो रही और इसने बेकसूर लोगों को विस्थापित कर दिया है।''
शनिवार को इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा, ''युद्ध चरम पर है। हमारे सेना प्रमुख ने कहा है कि युद्ध अभी और कई महीने तक चलेगा ''।
रविवार को मध्य ग़ज़ा में इसराइल ने कई हमले किए। अल-मगज़ी और अल-बुरेजी में हवाई हमले की ख़बर है।
रविवार की सुबह हमास की ओर से संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि शनिवार के इसराइली हमले में 150 लोग मारे गए हैं।
इसराइल के धुर दक्षिणपंथी वित्त मंत्री बेज़ाले स्मोत्रिक ने फ़लस्तीनियों से ग़ज़ा छोड़ कर चले जाने को कहा है, ताकि इसराइलियों का रास्ता साफ हो और वे इस 'रेगिस्तान में फूल खिला' सकें।
हमास का हमला भी जारी
इसराइल सरकार का आधिकारिक रुख ये है कि ग़ज़ा में रहने वालों को आखिर अपने घर लौटना है लेकिन कैसे और कब यह पता नहीं है।
इस बीच इसराइल की राजधानी तेल अवीव में हवाई हमले के सायरन सुनाई पड़ते रहे। नए साल में भी इसराइली मिसाइल डिफेंस सिस्टम ग़ज़ा से दागी गई मिसाइलों को रोकते रहे।
तेल अवीव में नया साल मना रहे एक शख्स ने अपने दोस्त से कहा, ''मैं बुरी तरह डर गया, क्योंकि मैंने पहली बार मिसाइल देखी थी। ये सचमुच डरावना था।''
हमास के मिलिट्री विंग एज़िदिन अल-कासिम ब्रिगेड ने इन दोनों हमले की जिम्मेदारी लेते हुए सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि इसराइल की ओर से किए जाने वाले नरसंहार के जवाब में उन्होंने एम90 रॉकेट इस्तेमाल किए हैं।