तिजोरी यानी धन की पेटी अधिकांश घरों में होती है। यह ऐसी जगह होती है जहां हम अपनी कीमती सामग्री और धन-पैसा रखते हैं। यह तिजोरी कभी खाली नहीं रखना चाहिए। यहां धन की आवक बनी रहे इसलिए कुछ लाजवाब उपाय लाए हैं हम आपके लिए...
पहला उपाय
तिजोरी में रखें पूजा की सुपारी : पूजा की सुपारी पूर्ण एवं अखंडित होती है। इसीलिए इसको पूजा के समय गौरी-गणेश का रूप मानकर उस पर जनेऊ चढ़ाई जाती है। बाद में उस पूजा की सुपारी को तिजोरी में रखना चाहिए क्योंकि जहां गणेशजी यानी बुद्धि के स्वामी का निवास होता है वहीं लक्ष्मी का निवास होता है। इससे घर में लक्ष्मी का स्थाई निवास होता है।
लक्ष्मी पूजन में सुपारी रखें। सुपारी पर लाल धागा लपेटकर अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि पूजन सामग्री से पूजा करें और पूजन के बाद इस सुपारी को तिजोरी में रखें।
दूसरा उपाय
तिजोरी में रखें ये वस्तुएं : शुक्रवार को पीले कपड़े में 5 कौड़ी और थोड़ी-सी केसर, चांदी के सिक्के के साथ बांधकर तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रख दें। उसके साथ थोड़ी हल्दी की गांठें भी रख दें। कुछ दिनों में ही इसका असर होने लगेगा।
तीसरा उपाय
रहेगी सदा बरकत इस उपाय से : तिजोरी में 10-10 के नोट की एक गड्डी रखें और कुछ पीतल और तांबें के सिक्के भी रखे। पीले सिक्के होंगे तो वह भी चल जाएंगे। कुछ सिक्के आपकी जेब में भी रखें। ध्यान रखें कि सिक्के जर्मन या एल्युमिनियम वाले न हों।
चौथा उपाय
पीपल का पत्ता : एक पीपल का पत्ता लें और उस पर देशी घी में मिश्रित लाल सिंदूर से उसे पर ॐ लिख कर इसे तिजोरी या धन रखने वाले स्थान पर रख दें। ऐसा कम से कम पांच शनिवार करेंगे तो पांच पत्ते हो जाएंगे। इससे धन संबंधी तंगी दूर हो जाएगी।
पांचवां उपाय
पीली कौड़ी : पुष्य नक्षत्र के दिन शाम के समय लक्ष्मी पूजन करें। पूजन में पुराने चांदी के सिक्के और रुपयों के साथ कौड़ी रखकर उनका केसर और हल्दी से पूजन करें। पूजा के बाद इन्हें तिजोरी में रख दें। आपकी तिजोरी हमेशा पैसों से भरी रहेगी।
छठा उपाय
दक्षिणावर्ती शंख रखें- तंत्र-मंत्र में दक्षिणावर्ती शंख का विशेष महत्व है। इसे घर के पूजा स्थान या तिजोरी में रखने से माता लक्ष्मी स्वत: ही इसकी ओर आकर्षित होती है और रंक को भी राजा बना देती है। ये बहुत ही चमत्कारी उपाय है। सोम-पुष्य योग में इसे घर में रखने से सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
सातवां उपाय
भोजपत्र : अखंडित भोजपत्र पर लाल चंदन को पानी में घोल लें और उसको इंक जैसा इस्तेमाल करते हुए मोर पंख से 'श्रीं' लिखें। अब उस भोजपत्र को तिजोरी में रख दें। कुछ ही दिनों में फायदा शुरु हो जाएगा। पैसा बढ़ता चला जाएगा।
आठवां उपाय
बहेड़ा की जड़ : बहेड़ा सहज सुलभ फल है। इसका पेड़ बहुत बड़ा, महुआ के पेड़ जैसा होता है। रवि-पुष्य के दिन इसकी जड़ या पत्ते लाकर उनकी पूजा करें, तत्पश्चात् इन्हें लाल वस्त्र में बांधकर भंडारगृह या तिजोरी में रख दें। यह उपाय आपकी समृद्धि बढ़ाएगा।
नौवां उपाय
शंखपुष्पी की जड़ : पुष्य-नक्षत्र के दिन शंखपुष्पी की जड़ लाकर, इसे देव-प्रतिमाओं की भांति पूजें और इसके पश्चात्य चांदी की डिब्बी में प्रतिष्ठित करके, उस डिब्बी को धन की पेटी, तिजोरी, भण्डारघर अथवा बक्से में रख दें। यह उपाय लक्ष्मीजी की कृपा कराने में अत्यन्त समर्थ है। हर पुष्य नक्षत्र में शंखपुष्पी की जड़ व चांदी की डिब्बी बदल दें। पहले वाली जड़ बहते पानी में प्रवाह कर दें।
दसवां उपाय
यंत्र स्थापना : ऐश्वर्य वृद्धि यंत्र या धनदा यंत्र की स्थापना करें। दोनों में से से किसी भी एक यंत्र को विधिवत रूप से पूजन करके उसे धन रखने के स्थान पर या तिजोरी में रख दें। इससे आपकी तिजोरी कभी भी खाली नहीं रहेगी और धन बढ़ता ही जाएगा।
ग्यारहवां उपाय
काली गुंजा : धन-संपदा के लिए तिजोरी के नीचे या तिजोरी के अंदर काली गुंजा के ग्यारह दाने पवित्र करके रखें। धन रखने के स्थान पर या तिजोरी में हमेशा लाल वस्त्र बिछाएं। दूकान में तिजोरी के पास लक्ष्मी गणेश की तस्वीर लगाएं।
बारहवां उपाय
व्यापार में लाभ हेतु : एक मोती शंख और चांदी का एक सिक्का रखकर उसे नए लाल कपडे में लाल मौली से बांधकर तिजोरी में रखें, व्यवसाय में लाभ होगा।
इसके अलावा व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो किसी भी शनिवार के दिन नीले कपड़े में 21 दाने रक्त गुंजा के बांधकर तिजोरी में रख दें। अपने इष्टदेव का ध्यान करते हुए हर रोज धूप, दीप अवश्य दिखाएं। ऐसा नियमित करने से व्यापार में लाभ मिलेगा और सफलता भी प्राप्त होगी।
तेरहवां उपाय
श्रीफल : किसी शुभ मुहूर्त में श्रीफल को लाल कपड़े में रखकर उस पर कामिया सिन्दूर, देशी कपूर तथा साबुत लौंग चढ़ाकर धूप-दीप देकर एवं कुछ दक्षिणा अर्पित करके अपने गल्ले या तिजोरी में रखें। इससे धन में वृद्धि होती चली जाएगी। यदि एक नारियल चमकदार लाल कपड़े में लपेटकर धन रखने के स्थान पर रखा जाए तो शीघ्र ही धन का आगमन होगा।