गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. ज्योतिष आलेख
  4. खरमास कब होगा प्रारंभ और कब होगा खत्म, मीन संक्रांति से क्या है कनेक्शन
Written By
Last Updated : मंगलवार, 14 मार्च 2023 (14:46 IST)

खरमास कब होगा प्रारंभ और कब होगा खत्म, मीन संक्रांति से क्या है कनेक्शन

Kharmas | खरमास कब होगा प्रारंभ और कब होगा खत्म, मीन संक्रांति से क्या है कनेक्शन
Kharmas 2023 : अधिकमास अलग होता है और खरमास अलग। अंग्रेजी वर्ष में दो बार खरमास आता है। हर सौर वर्ष में एक सौर खर मास कहलाता है। खरमास लगते ही सभी तरह के शुभ एवं मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं। इस बार खरमास 15 मार्च से प्रारंभ हो रहा है। आओ जानते हैं कि क्या है इसका मीन राशि से कनेक्शन। 
 
कब से कब तक रहेगा खरमास : सूर्य 15 मार्च को मीन राशि में प्रवेश करेगा तब से खरमास प्रारंभ होगा और यह अगले माह यानी 14 अप्रैल को मेष राशि में जब प्रवेश करेगा तो खरमास समाप्त हो जाएगा। 
 
खरमास का मीन संक्रांति से क्या है कनेक्शन : जब सूर्य, बृहस्पति की राशि धनु राशि या मीन राशि में प्रवेश करते हैं तब से ही खरमास आरंभ होता है। माना जाता है कि इस दौरान सूर्य की गति मंद पड़ जाती है। पंचाग के अनुसार यह समय सौर पौष मास का होता है जिसे खर मास कहा जाता है। खरमास को भी मलमास का जाता है। खरमास में खर का अर्थ 'दुष्ट' होता है और मास का अर्थ महीना होता है। मान्यता है कि इस माह में मृत्यु आने पर व्यक्ति नरक जाता है।
Sun transit in Pisces Meen rasi 2023
खरमास की कथा Kharmas ki katha: 
संस्कृत में गधे को खर कहा जाता है। पौराणिक ग्रंथों में खरमास की कथा के अनुसार भगवान सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड की परिक्रमा करते रहते हैं। उन्हें कहीं पर भी रूकने की इजाजत नहीं है। मान्यता के अनुसार उनके रूकते ही जन-जीवन भी ठहर जाएगा। लेकिन जो घोड़े उनके रथ में जुड़े होते हैं वे लगातार चलने और विश्राम न मिलने के कारण भूख-प्यास से बहुत थक जाते हैं।
 
उनकी इस दयनीय दशा को देखकर सूर्यदेव का मन भी द्रवित हो गया। वे उन्हें एक तालाब के किनारे ले गए, लेकिन उन्हें तभी यह ध्यान आया कि अगर रथ रूका तो अनर्थ हो जाएगा। लेकिन घोड़ों का सौभाग्य कहिए कि तालाब के किनारे दो खर मौजूद थे। भगवान सूर्यदेव घोड़ों को पानी पीने और विश्राम देने के लिए छोड़े देते हैं और खर अर्थात गधों को अपने रथ में जोत देते हैं। 
 
अब घोड़ा-घोड़ा होता है और गधा-गधा, रथ की गति धीमी हो जाती है फिर भी जैसे-तैसे एक मास का चक्र पूरा होता है तब तक घोड़ों को विश्राम भी मिल चुका होता है, इस तरह यह क्रम चलता रहता है और हर सौर वर्ष में एक सौर खर मास कहलाता है।
ये भी पढ़ें
ब्रह्म मुहूर्त में करना चाहिए 5 काम, जीवन भर मिलेगा आराम