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उच्चाभिलाषी ग्रह किसे कहते हैं? सफलता के लिए क्यों है जरूरी?

उच्चाभिलाषी ग्रह किसे कहते हैं? सफलता के लिए क्यों है जरूरी? - shubh grah
ज्योतिष शास्त्र में उच्चाभिलाषी ग्रहों का भी महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। यदि किसी जातक की जन्मपत्रिका में दो या तीन ग्रह उच्चाभिलाषी हों तो यह जातक को जीवन में सफ़लता प्रदान करते हैं।
 
 
उच्चाभिलाषी ग्रह उन्हें कहते हैं जो अपनी उच्च राशि से ठीक एक राशि पीछे स्थित होते हैं। उदाहरण के लिए गुरु कर्क राशि में उच्च के होते हैं यदि किसी जन्मपत्रिका में गुरु मिथुन राशि में स्थित हों तो गुरु यहां उच्चाभिलाषी ग्रह कहलाएंगे क्योंकि ये अपनी उच्च राशि कर्क की ओर अग्रसर हैं। इस प्रकार की ग्रहस्थिति में गुरु शुभफलप्रद होंगे। जातक को वह सभी लाभ अपने जीवन में प्राप्त होंगे जिनके प्रतिनिधि गुरु हैं। इसी प्रकार अन्य ग्रह भी उच्चाभिलाषी होकर जातक को जीवन में सफलताएं प्रदान करते हैं।

 
-ज्योतिर्विद पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: [email protected]