Kaal Bhairav Jayanti 2025: कालभैरव जयंती पर करें ये 10 खास उपाय, मिलेंगे ये चमत्कारिक लाभ
Kaal Bhairav Ashtami 2025: वर्ष 2025 में हिन्दू पंचांग कैलेंडर तथा उदयातिथि के अनुसार, इस वर्ष काल भैरव जयंती 12 नवंबर 2025, बुधवार को मनाई जा रही है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र स्वरूप काल भैरव की आराधना की जाती है, जिसे कालभैरवाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है और जिंदगी में हर तरह के संकटों से मुक्ति के लिए भैरव आराधना का बहुत महत्व है।
भैरव के लिए विशेष पूजा और उपाय:
1. रात्रि पूजा: भैरव की पूजा अधिकतर रात्रि के समय की जाती है, क्योंकि उनका रूप रात्रि में अधिक प्रभावशाली माना जाता है।
2. भैरव अष्टक: 'काल भैरव अष्टकम् का पाठ करने से भैरव की विशेष कृपा मिलती है और जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि आती है।
3. भैरव का व्रत: शनिवार या मंगलवार को भैरव का व्रत करने से मानसिक शांति और समृद्धि मिलती है।
4. काले रंग के कपड़े पहनना: पूजा के दौरान काले रंग के कपड़े पहनने से भैरव की कृपा प्राप्त होती है।
6. पितरों का श्राद्ध: काल भैरव अष्टमी पर पितरों को याद करना और उनका श्राद्ध करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
7. जरूरतमंदों को दान: गरीबों और जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न या धन का दान करने से भगवान काल भैरव प्रसन्न होते हैं।
काल भैरव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उपाय:
1. स्नान के बाद पूजा करें और काल भैरव के चित्र के सामने दीपक जलाएं।
2. 'ॐ कालभैरवाय नमः' इस मंत्र का नियमित जाप करें और साथ में पानी या दूध का अभिषेक करें, जो काल भैरव को समर्पित हो।
भैरव पूजन के लाभ:
काल और भय से मुक्ति: इनकी आराधना से काल का भय समाप्त होता है और साहस की प्राप्ति होती है।
शनि और राहु शांति: ज्योतिष के अनुसार, काल भैरव की पूजा करने से शनि और राहु के अशुभ प्रभाव और दोष शांत होते हैं।
आर्थिक स्थिरता: इनकी कृपा से व्यक्ति को धन, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है।
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