4 अक्टूबर 2020 को मंगल ने व्रकगति करते हुए गोचरवश अपनी राशि परिवर्तन कर पुन: मीन राशि में प्रवेश कर लिया है। सामान्यत: मंगल 57 दिनों में अपनी राशि बदलते हैं।
मंगल को ज्योतिष शास्त्र में सेनापति माना गया है। मंगल समस्त साहसिक कार्य जैसे सेना, अग्निशमन सेवाएं, पुलिस आदि के साथ-साथ प्रशासनिक दक्षता का भी प्रतिनिधित्व करता है। मंगल अग्नि तत्व ग्रह होने के साथ-साथ एक उत्तेजनात्मक ग्रह भी है। मंगल में मारणात्मक शक्ति का आधिक्य होता है। जिस जातक का मंगल प्रबल होता है वह सामान्यत: क्रोधी व उत्तेजनात्मक स्वभाव वाला होता है।
मंगल का अपनी उच्च राशि मकर में प्रवेश समस्त 12 राशियों वाले जातकों को न्यूनाधिक रूप में प्रभावित करेगा। आइए जानते हैं 12 राशियों पर मंगल का गोचर कैसा प्रभाव देगा -
1. मेष- मेष राशि वाले जातकों को मंगल के गोचर अनुसार व्यय अधिक होगा। प्रवास के योग बनेंगे। नेत्रों में परेशानी के कारण कष्ट होगा। बंधु-बांधवों से विवाद होगा। स्त्री से कलह होगी। कार्यक्षेत्र में बाधाएं आएंगी। दुर्घटना की संभावना है। चोरी के कारण धन हानि होगी। अचल संपत्ति विशेषकर भूमि आदि विवादों का सामना करना पड़ेगा। व्यर्थ वाद-विवाद होगा। साहस में कमी आएगी।
2. वृष- वृष राशि वाले जातकों को मंगल के गोचर अनुसार आय में वृद्धि होगी। कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। बंधु-बांधवों से लाभ होगा। संपत्ति से लाभ होगा। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। साहस व पराक्रम में वृद्धि होगी। धनवृद्धि होगी। भूमि-भवन से लाभ होगा। कार्ट-कचहरी एवं वाद-विवाद में विजय होगी।
3. मिथुन- मिथुन राशि वाले जातकों को मंगल के गोचर अनुसार धन हानि होगी। प्रवास की संभावनाएं बनेंगी। कार्यों में असफलता प्राप्त होगी। शस्त्राघात व दुर्घटना की संभावना है। बंधु-बांधवों से विवाद होगा। कार्यक्षेत्र में बाधाएं आएंगी। दुर्घटना की संभावना है। चोरी के कारण धन हानि होगी।
4. कर्क- कर्क राशि वाले जातकों को मंगल के गोचर अनुसार स्त्री से कलह होगी। बंधु-बांधवों से कष्ट होगा। मानसिक व शारीरिक कष्ट होगा। वाद-विवाद के कारण मानसिक संताप रहेगा। पराक्रम में कमी आएगी। रक्त संबंधी संक्रमण के कारण कष्ट होगा। साहस में कमी होगी। माता व मामा से कष्ट होगा।
5. सिंह- सिंह राशि वाले जातकों को मंगल के गोचर अनुसार धन हानि होगी। प्रवास की संभावनाएं बनेंगी। कार्यों में असफलता प्राप्त होगी। शस्त्राघात व दुर्घटना की संभावना है। बंधु-बांधवों से विवाद होगा।
6. कन्या- कन्या राशि वाले जातकों को मंगल के गोचर अनुसार संतान को कष्ट होगा। धन हानि के योग हैं। शत्रुओं के कारण कष्ट होगा। स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कारण कष्ट होगा। स्त्री से कलह होगी। बंधु-बांधवों से कष्ट होगा। मानसिक व शारीरिक कष्ट होगा।
7. तुला- तुला राशि वाले जातकों को मंगल के गोचर अनुसार शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। साहस व पराक्रम में वृद्धि होगी। धन वृद्धि होगी। शत्रु पराभव होगा। राज्याधिकारियों से लाभ होगा। मन प्रसन्न रहेगा। भूमि-भवन से लाभ होगा। अचल संपत्ति की प्राप्ति होगी।
8. वृश्चिक- वृश्चिक राशि वाले जातकों को मंगल के गोचर अनुसार संतान को कष्ट होगा। धन हानि के योग हैं। शत्रुओं के कारण कष्ट होगा। स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कारण कष्ट होगा। मानसिक अवसाद रहेगा। मन खिन्न रहेगा।
9. धनु- धनु राशि वाले जातकों को मंगल के गोचर अनुसार जमीन-जायदाद संबंधी मामलों में हानि होगी। माता को कष्ट होगा। वाहन दुर्घटना की संभावना है। पारिवारिक सुख में कमी के कारण मानसिक अशांति होगी। ह्रदय संबंधी रोग के कारण कष्ट होगा। अपमान व जनविरोध होगा।
10. मकर- मकर राशि वाले जातकों को मंगल के गोचर अनुसार साहस व पराक्रम में वृद्धि होगी। राज्याधिकारियों से लाभ होगा। कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। बंधु-बांधवों से लाभ होगा। संपत्ति से लाभ होगा। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। भूमि-भवन से लाभ होगा। सेना, पुलिस व अग्निशमन सेवाओं से जुड़े व्यक्तियों की पदोन्नति होगी।
11. कुंभ- कुंभ राशि वाले जातकों को मंगल के गोचर अनुसार साहस में कमी आएगी। धन नाश होगा। कार्यों में असफलता प्राप्त होगी। राज्य की ओर से दंड प्राप्त होगा। नुकसान की संभावना है।
12. मीन- मीन राशि वाले जातकों को मंगल के गोचर अनुसार कार्य असफल होंगे। दुर्घटना के कारण कष्ट होगा। अग्नि व रक्त विकार के कारण कष्ट होगा। शत्रुओं से कष्ट की प्राप्ति होगी। मन उदास रहेगा। जीवनसाथी से मतभेद उभरेंगे। अविवाहितों के विवाह में अवरोध आएगा।
मंगल के अशुभ प्रभाव को कम करने हेतु उपयोगी उपाय -
1. मंगलवार के दिन 250 ग्राम बताशे बहते जल में प्रवाहित करें।
2. मंगलवार को किसी से कोई भेंट स्वीकार ना करें।
3. प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी को सिंदूर अर्पण कर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
4. लाल वस्त्रों का प्रयोग ना करें।
5. मंगल यंत्र की नित्य पूजा करें।
6. मंगलवार के दिन मंगल का दान करें। दान सामग्री- लाल वस्त्र, गुड़, मूंगा, मसूर की दाल, तांबा, रक्त चंदन, लाल पुष्प आदि।
(निवेदन- उपर्युक्त विश्लेषण ग्रह-गोचर की गणना पर आधारित है। जन्मपत्रिका में ग्रहस्थिति एवं दशाओं के कारण इसमें परिवर्तन संभव है।)
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र