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गुरु आया कन्या राशि में, पढ़ें 12 राशियों पर प्रभाव

गुरु आया कन्या राशि में, पढ़ें 12 राशियों पर प्रभाव - Jupiter will enter in Virgo
* गुरु ग्रह का कन्या राशि में गोचर, पढ़ें 12 राशियों पर प्रभाव
 
बृहस्पति ग्रह का कन्या राशि में गोचर परिवर्तन एक ज्योतिष घटना है। ज्योतिषीय गणना के आधार पर बृहस्पति ग्रह इस सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह होने के साथ-साथ देवताओं के भी गुरु हैं। इनका राशि परिवर्तन होना एक बड़ी ज्योतिषीय घटना है। 
 

 
इस वर्ष बृहस्पति ग्रह ने 11 अगस्त 2016, गुरुवार को 22 बजकर 24 मिनट पर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण में मित्र सूर्य की राशि को छोड़कर बुध की कन्या शत्रु राशि में प्रवेश कर लिया है। 

 

बृहस्पति का राशि परिवर्तन एक बड़े बदलाव की ओर संकेत देता है। यह राशि परिवर्तन 12 सितंबर 2017, मंगलवार सुबह 7 बजकर 59 मिनट तक रहेगा, जब गुरु तुला राशि में प्रवेश करेंगे। बृहस्पति की राशि धनु और मीन है व यह कर्क राशि में उच्च व मकर राशि में नीच का प्रभाव देता है। 

 

आगे पढ़ें 12 राशियों पर क्या होगा प्रभाव... 

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11 अगस्त 2016 से 12 सितंबर 2017 तक 
 

 
मेष-
 
मेष राशि वालों के लिए बृहस्पति ग्रह छठे भाव शत्रु स्थान में। भाग्य उन्नति के मार्ग में रुकावट। स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा समय नहीं रहेगा। गुरु की 5वीं दृष्टि पिता व राज्य के संबंध में त्रुटि बनाकर रहेगी। सातवीं दृष्टि से खर्च अधिक रहेगा। दूसरों का सहयोग लेना पड़ सकता है, ऋण लेने से बचें। 
 
 

 

वृषभ-
 
वृषभ राशि वालों के लिए बृहस्पति ग्रह पंचम भाव पर गोचर करेंगे जिससे विद्या, बुद्धि, संतान सफलता प्राप्त करेंगे, परंतु अष्टमेश व लाभेश होने के कारण चतुराई से लाभ अर्जित करना पड़ सकता है। कुछ अड़चनें रहेंगी।
 
 

 


मिथुन-
 
मिथुन राशि वालों के लिए बृहस्पति ग्रह चतुर्थ भाव केंद्र व माता सुख, भूमि, वाहन में गोचर करेंगे जिससे इन सभी को सुख की प्राप्ति होगी। सप्तम व दशम भाव के मालिक होकर सुख स्थान पर होने से व्यापार और राज्य में व पिता से पर्याप्त सहयोग मिलेगा। मेहनत रंग लाएगी।
 
 

 

कर्क-
 
कर्क राशि वालों के लिए बृहस्पति ग्रह का गोचर तृतीय भाव, सहोदर, पराक्रम व छोटे भाई-बहन के स्थान पर गोचर करेंगे। आत्मविश्वास बढ़ेगा। साथ में षष्ठ भाव व भाग्येश होने के कारण शत्रु पर विजय, धर्मात्मा, उन्नतिशील परंतु कभी-कभी कठिनाई भी रहेगी। अति-आत्मविश्वास से बचें। विवाह के योग बनेंगे, धार्मिक उत्सव में भाग लेते रहेंगे।
 
 

 

सिंह-
 
सिंह राशि वालों के लिए बृहस्पति ग्रह का गोचर द्वितीय भाव धन, कुटुंब और वाणी पर रहेगा। कुटुंब में वृद्धि, तर्कशक्ति बढ़ेगी। अपनी वाणी से सबको अपना बना लेंगे, प्रेम संबंध प्रगाढ़ होंगे। यह पंचम व अष्टम का स्वामी होकर आर्थिक मामलों में आपका मददगार रहेगा व सम्मान प्राप्त होगा।
 
 

 


कन्या-
 
कन्या राशि वालों के लिए बृहस्पति ग्रह का गोचर प्रथम भाव केंद्र शरीर के स्थान पर रहेगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह समय अच्छा रहेगा। चतुर्थ व सप्तम भाव का स्वामी होकर आय में वृद्धि, माता, भूमि और वाहन से सुख प्राप्त होंगे। विवाह के प्रबल योग बनेंगे, परंतु कानूनी कागजात पर हस्ताक्षर करने से पहले सोच-समझ लें। किसी की जमानत देने से बचें। अंधविश्वास न करें।
 
 

 

तुला-
 
तुला राशि वालों के लिए बृहस्पति ग्रह का गोचर बारहवें भाव व्यय स्थान पर रहेगा जिससे खर्च अधिक होगा। विवाद रहेंगे, भाई-बहनों का सहयोग प्राप्त होगा, परंतु तृतीय व षष्ठेश होने के कारण पड़ोसियों और संबंधियों से विवाद न करें। आत्मविश्वास की कमी रहेगी। 
 
 

 

वृश्चिक-
 
वृश्चिक राशि वालों के लिए बृहस्पति ग्रह का गोचर ग्यारहवें भाव लाभ स्थान पर रहेगा जिससे आर्थिक दृष्टि से यह बहुत ही शानदार रहेगा, साथ ही कुटुंब का सुख मिलेगा। द्वितीय व पंचम भाव का स्वामी होकर संतान पक्ष मजबुत रहेगा। विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता मिलेगी। विवाह तय होगा, परंतु स्त्री से मतभेद रहेंगे। 
 
 

 

धनु-
 
धनु राशि वालों के लिए बृहस्पति ग्रह का गोचर दशम भाव केंद्र पिता व राज्यभाव में रहेगा। राज्य से मान-सम्मान, पिता से सुख, यश मिलेगा, परंतु लग्न व चतुर्थ भाव का स्वामी होकर नया मकान, नए वाहन के योग बनेंगे। स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। शत्रु पर अपनी चतुराई से प्रभाव स्थापित हो सकेगा। 
 
 

 

मकर-
 
मकर राशि वालों के लिए बृहस्पति ग्रह का गोचर नवम भाव में रहेगा। तीर्थयात्रा होगी व लंबी दूरी के यात्रा के योग बनेंगे और थका देने वाली यात्रा रहेगी। व्ययेश व तृतीयेश होने के कारण बाहर से लाभ मिलता रहेगा। पराक्रम में वृद्धि होगी। अनुष्ठान व धार्मिक पूजन-पाठ के योग बनेंगे। 
 
 

 

कुंभ-
 
कुंभ राशि वालों के लिए बृहस्पति ग्रह का गोचर अष्टम आयु भाव में रहेगा जिससे आयु में कुछ कमी आएगी। लाभेश व द्वितीयेश होने के कारण पैतृक संपत्ति में विवाद होंगे। बड़े निवेश से बचें। ज्यादा लालच के चक्कर में न पड़ें, परंतु आध्यात्मिक क्षेत्र मजबूत होगा।
 
 

 

मीन-
 
मीन राशि वालों के लिए बृहस्पति ग्रह का गोचर सप्तम भाव पर रहेगा, जो केंद्र, व्यवसाय पति-पत्नी के लिए अच्छा रहेगा। साथ ही यह कर्मेश व लग्नेश होने के कारण कर्मक्षेत्र में सफलता मिलेगी। जीवनसाथी का सहयोग विवाह निश्चित हो सकता है। व्यवसाय क्षेत्र में सफलता। पति-पत्नी के विवाद दूर होंगे। नौकरी प्राप्त हो सकती है। पदोन्नति के अवसर आएंगे। 
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