अगले पन्ने पर कैसे खराब होता गुरु ग्रह, जानिए...
अगले पन्ने पर कैसे पहचाने की गुरु खराब है...
*बिना कारण शिक्षा रुक जाती है।
*आंखों में तकलीफ होना, मकान और मशीनों की खराबी, अनावश्यक दुश्मन पैदा होना, धोखा होना, सांप के सपने आना भी गुरु खराब की निशानी हैं।
*गुरु खराब होने की निशानी यह भी है कि आपका सोना खो जाता है या आप उसे गिरवी रख देते हैं या बेच देते हैं।
*व्यक्ति के संबंध में व्यर्थ की अफवाहें उड़ाई जाती हैं।
अगले पन्ने पर जानिए कौन-सी बीमारी देता है गुरु...
गुरु की बीमारी :
*गुरु के बुरे प्रभाव से धरती की आबोहवा बदल जाती है। उसी प्रकार व्यक्ति के शरीर की हवा भी बुरा प्रभाव देने लगती है।
*इससे श्वास रोग, वायु विकार, फेफड़ों में दर्द आदि होने लगता है।
*कुंडली में गुरु-शनि, गुरु-राहु और गुरु-बुध जब मिलते हैं तो अस्थमा, दमा, श्वास आदि के रोग, गर्दन, नाक या सिर में दर्द भी होने लगता है।
*इसके अलावा गुरु की राहु, शनि और बुध के साथ युति अनुसार भी बीमारियां होती हैं, जैसे- पेचिश, रीढ़ की हड्डी में दर्द, कब्ज, रक्त विकार, कानदर्द, पेट फूलना, जिगर में खराबी आदि।
अगले पन्ने पर कैसे बनाएं गुरु को सुख और समृद्धि देने वाला...
गुरु को अच्छा बनाने के तरीके :
1. सर्वप्रथम मकान का द्वार, खिड़की और रोशनदान सही दिशा में बनवाएं। यदि ऐसा नहीं हो सकता है तो किसी वास्तुशास्त्री से मिलकर घर में आ रही हवा को सही दिशा दें।
2. नाक, कान और दांत हमेशा साफ-सुथरे और खुश्क रखें।
3. मकान के पास पीपल का वृक्ष लगाएं।
4. मंदिर के पास रहें या मकान के पास मंदिर बनवाएं।
5. ज्यादा से ज्यादा सच बोलने का अभ्यास करें।
6. पीपल में जल चढ़ाना। आचरण को शुद्ध रखना। पिता, दादा और गुरु का आदर करना। गुरु बनाना। घर में धूप-दीप देना।
7. केसर या चंदन का तिलक लगाएं और अपने भोजन को सात्विक बनाएं।
8. काले, कत्थई, लाल, मेहरून, हरे और भूरे रंग से बचें। पीले, गुलाबी, नीले और सफेद रंग का इस्तेमाल करें।
नोट : इन में से कुछ उपाय विपरीत फल देने वाले भी हो सकते हैं। कुंडली की पूरी जांच किए बगैर उपार नहीं करना चाहिए किसी लाल किताब के विशेषज्ञ को कुंडली दिखाकर ही यह उपार करें।